उत्तराखंड ताज़ादेहरादून

15 दिवसीय विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल रविवार को रंगारंग कार्यक्रम के साथ संपन्न

15%20%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%A4%20%E0%A4%86%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F%20%E0%A4%8F%E0%A4%82%E0%A4%A1%20%E0%A4%B9%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9F%E0%A5%87%E0%A4%9C%20%E0%A4%AB%E0%A5%87%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%B2%20%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%20%E0%A4%95%E0%A5%8B%20%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%97%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AE%20%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A5%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8

देहरादून (शिवाँश कुँवर) 15 दिवसीय विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल रविवार को रंगारंग कार्यक्रम के साथ संपन्न हो गया। वहीं, महोत्सव में लगे कई प्रांतों के स्टॉलों ने लोगों ने मन को भाया। इस बार के विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल में सबसे ज्यादा गोरखाली फूड ज्वाइंट स्टॉल चर्चा में रहा। 

लोगों ने जहां नेपाली व्यंजनों का जमकर लुत्फ उठाया साथ ही व्यंजनों की तारीफ की। आपको बता दें कि 26 सालों के बाद इस गोरखाली फूड ज्वाइंट को विरासत में नाम दिलाने वाली और जगह दिलाने वाली कोई और नहीं बल्कि उत्तराखंड की मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग है जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से अपनी नेपाली संस्कृति और व्यंजनों को विरासत में पहचान दिलाई है।




उत्तराखंड की मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग अपनी कड़ी मेहनत को अपनी पहचान का कारण मानती है वह साथ ही कहती है कि कड़ी मेहनत करके ही इंसान जीवन में अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। वे कहती हैं आजकल की पीढ़ी सोशल मीडिया पर समय बिता कर अपना समय बर्बाद कर रही है और अपने लक्ष्य से भटक रही है। 

वे कहती हैं कि अगर हम दिन भर केवल मोबाइल फोन का इस्तेमाल करेंगे और सोचेंगे कि हमें सफलता प्राप्त करनी है तो यह बिल्कुल भी संभव नहीं है। हमें सोशल मीडिया को छोड़कर वास्तविकता में जीना होगा समाज में काम करना होगा, मेहनत करनी होगी तभी हम जिंदगी में कुछ बन सकते हैं और अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। 

मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग कहती है कि उन्हें सभी महिलाओं को साथ लेकर चलना है और वे हमेशा से भारत की एक बहुत बड़ी उद्यमी यानी (entrepreneur) बनना चाहती है ताकि वे सभी महिलाओं के लिए एक मिसाल बन सके और सभी महिलाओं को काम दे सके और उन्हें आगे बढ़ा सके। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि वे उत्तराखंड के लिए भी बहुत कुछ बहुत बड़ा करना चाहती है और  उत्तराखंड को हर दिशा में आगे बढ़ाना चाहती है। जिस तरह से उन्होंने आर्ट एंड क्राफ्ट एवं नेपाली व्यंजनों में एक नई पहचान उत्तराखंड को दिलाई है उसी तरह से राधिका गुरुंग उत्तराखंड को हमेशा आगे बढ़ाएंगी। 

आखिर में वे कहती है अगर हमें जीवन में कुछ भी हासिल करना है तो केवल कहने से नहीं होगा हमें उसके लिए निरंतर प्रयास करना होगा। उत्तराखंड की मास्टर ट्रेनर राधिका गुरुंग सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती हैं और अपनी मीठी बोली के लिए पहचानी जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!