दक्षिण पश्चिम मानसून के सक्रिय होते ही बारिश ने हल्द्वानी में एक ही दिन में 19 वर्षों पुराना रिकार्ड तोड़ दिया। हल्द्वानी में साढ़े आठ घंटों में ही 180 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं, अधिकतम तापमान ने भी नया रिकॉर्ड बनाया है। 11 वर्षों बाद अधिकतम तापमान 24 जून को सबसे कम 26.4 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से नौ डिग्री सेल्सियस कम रहा जबकि न्यूनतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश हैं। सोमवार को मानसून ने कुमाऊं के मुक्तेश्वर क्षेत्र में दस्तक दी। इसके बाद मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में परिस्थितियां अनुकूल होने के चलते अगले 48 घंटों में मानसून ज्यादातर हिस्सों में पहुंच सकता है। इसके चलते ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और चंपावत के कुछ इलाकों में बहुत भारी बारिश हो सकती है। वहीं, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और देहरादून में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है।
सर्तकता बरतें जिलाधिकारी
भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान लोनिवि, एनएच, पीएमजीएसवआई, बीआरओ, सीपीडब्ल्यूडी अधिकारियों को मोटर मार्ग खोलने के लिए तैयारी रखने, थाने-चौकियों को वारयरलैस समेत आपदा प्रबंधन के उपकरणों समेत तैयार रहने और किसी भी अधिकारी को मोबाइल फोन स्विच ऑफ न रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही असामान्य मौसम या ज्यादा बारिश होने पर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही रोकने के निर्देश जारी किए गए हैं।
नदियों-जलाशयों का जलस्तर भी बढ़ा
रविवार शाम से शुरू हुई रिमझिम बारिश से जहां मैदानी इलाकों में लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं पहाड़ और जलभराव वाले इलाकों में लोगों को परेशानियों से दो चार भी होना पड़ा। बिजली गिरने से सितारगंज के नगला गांव की पूर्व ग्राम प्रधान के पति पृथ्वीपाल सिंह (35) की मौत हो गई। उधर, नाचनी में रामगंगा पर बनाए गए लकड़ी के अस्थायी पुल का एक हिस्सा बह गया है। पुल बहने से बागेश्वर जिले के भकोना, केंचुवा, कालापैर, खेती समेत कई गांवों का संपर्क कट गया है।
इन गांवों के कई पढ़ने के लिए नाचनी आते हैं। अब बच्चों को 6 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर फल्याटी गांव से होते हुए नाचनी आना पड़ेगा। बारिश और आंधी के कारण रविवार रात अल्मोड़ा जिले में गोविंदपुर दौलाघट में दोमंजिले मकान की टिन की छत उड़ गई।
‘बिजली’ ने गुल की बिजली
किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाई झमाझम बारिश
इस बारिश ने काश्तकारों के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है। सबसे बड़ी राहत धान की रोपाई वाले क्षेत्रों के किसानों को मिली है। काश्तकारों का मानना है कि कद्दू, लौकी के अलावा धान, मडुवा, झिंगोरा के लिए बारिश काफी फायदेमंद है।
बारिश आंधी से नुकसान
बारिश आंधी से काफी नुकसान हुआ है। अल्मोड़ा जिले में गोविंदपुर दौलाघट में पेयजल की चार लाइनों को नुकसान हुआ है। अल्मोड़ा-कोसी मार्ग पर स्यालीधार के पास चीड़ का पेड़ गिरने से जाम लग गया। पेड़ के साथ बिजली का तार भी टूटकर नीचे गिर गया।