समूह से जुड़ी महिलाओं को रिंगाल के डस्टबिन टोकरी मोबाइल स्टैंड व पिरूल की टोकरी पेन स्टैंड व प्लेट बनाने का दिया प्रशिक्षण
थत्यूड़। जौनपुर ब्लाक के थान गांव में 11 जुलाई से 15 जुलाई तक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से बलूनी एग्रो ट्रेनिंग व प्रोसेसिंग कंपनी द्वारा आजीविका मिशन से जुड़ी नागराज स्वयं सहायता समूह सत्यनाद,भवानी,सुरकंडा व मां काली,सरस्वती 25 महिलाओं को रिंगाल व पिरूल की हस्तकला से बने अलग-अलग डिजाइनदार आइटम का प्रशिक्षण दिलाया गया।
इस प्रशिक्षण में कंपनी के मास्टर ट्रेनर विनोद कुमार ने समूह से जुड़ी महिलाओं को रिंगाल के डस्टबिन टोकरी मोबाइल स्टैंड तथा पिरूल का मूल्य संवर्धन करते हुए पिरूल की टोकरी पेन स्टैंड व प्लेट बनाने का प्रशिक्षण दिया जिस प्रशिक्षण में महिलाओं ने 5 दिन तक जिज्ञासा से प्रशिक्षण लिया तथा भविष्य में समूह के माध्यम से इन उत्पादों का व्यवसाय करने हेतु जोर देने की बात की है।
समापन अवसर पर थान गांव के प्रधान मनोज पवार ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से ग्रामीण स्तर की महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर खोलते हैं उन्होंने समूह की महिलाओं से कहा कि भविष्य में वह इस प्रशिक्षण से अपनी आय को बढ़ाने का प्रयास करें तथा अपने अंदर के कौशल को निखारने का प्रयास करें।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लॉक मिशन मैनेजर दीपक बहुगुणा ने कहा कि परियोजना के माध्यम से इस प्रकार के प्रशिक्षण देकर समूह समूह की महिलाओं को स्वावलंबी तथा स्वरोजगार हेतु प्रेरित करना ही परियोजना का उद्देश्य है जिसके लिए आवश्यकता अनुसार समय-समय पर इस प्रकार के प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर बिलोनी एग्रो ट्रेनिंग के प्रबंधक नीरज बलूनी ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कंपनी द्वारा सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से अलग-अलग विषयों पर गढ़वाल क्षेत्र के अलग-अलग गांव में कराए जाता है तथा इस प्रकार के प्रशिक्षण लेकर कई महिलाओं ने अपना कुटीर उद्योग स्थापित करते हुए अपने लिए आय अर्पित करने के अवसर खोले हैं।
इस अवसर पर प्रशिक्षण में गांव की लक्ष्मी देवी रीना गीता देवी पूनम कृष्णा देवी उर्मिला आरती सुनीता मीना गुड्डी व समूह से जुड़ी 25 महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया।