थत्यूड

पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ सम्पन्न हुई प्रभु श्रीराम–माता जानकी की विवाह लीला

रिपोर्ट-मुकेश रावत 

थत्यूड़। थत्यूड़ ब्लॉक के बंगशील देवलसारी में चल रही रामलीला के पांचवें दिन भगवान श्रीराम और माता जानकी का विवाह समारोह पारंपरिक रीति-रिवाजों, वैदिक मंत्रोच्चारण और श्रद्धाभाव के साथ सम्पन्न हुआ। पूरा क्षेत्र जय श्रीराम के जयघोषों से गूंज उठा।

मिथिलापुरी से धूमधाम से निकली बारात

ग्राम मोलधार को मिथिलापुरी का रूप दिया गया। बंगशील से बरात वाद्ययंत्रों की थाप पर रवाना हुई। बारात मोलधार, बूटकोट, नौगांव, भिड़ाकोटी, पूजाल्डी, तेवा और ओंतड होते हुए अयोध्या रूपी बंगशील पहुंची, जहां श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा कर स्वागत किया।

मां जानकी की विदाई पर नम हुईं आंखें

विवाह उपरांत शाम को जब मां जानकी की विदाई हुई तो उपस्थित श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं। श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम, माता जानकी और लक्ष्मण जी की आरती उतारी और मनोकामनाएं मांगीं।

समिति और कलाकारों के प्रयास से सफल रहा आयोजन

पूजा प्रणाली पंडित बालकृष्ण कोठारीजयदेव गौड़ द्वारा सम्पन्न कराई गई। आयोजन को सफल बनाने में समिति अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह पंवार, म्यूजिक डायरेक्टर शांति प्रसाद चमोलीआदित्य चमोली, मेकअप डायरेक्टर हरिलाल, और निर्देशक कमल किशोर नौटियाल सहित पूरी टीम का विशेष योगदान रहा। क्षेत्रभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

 

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