राज्य सरकार ने दिव्यांग विद्यार्थियों को दी परीक्षा में अतिरिक्त समय की स्वीकृति
- श्रुत लेखक की भी ले सकेंगे मदद, सरकार ने दी मंजूरी
- शिक्षा मंत्री डा. रावत ने कहा, दिव्यांग छात्रों को मिलेगी सभी सुविधाएं
देहरादून। राज्य सरकार ने दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उन्हें प्रारम्भिक शिक्षा की परीक्षाओं में अतिरिक्त समय प्रदान करने की स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा, इन विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान श्रुत लेखक की सुविधा भी मिलेगी, जिसकी व्यवस्था संबंधित संस्थान के द्वारा की जाएगी। इस संबंध में शीघ्र ही शासनादेश जारी किया जाएगा। इस निर्णय से प्रदेश के हजारों दिव्यांग छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिलेगी और वे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध: डॉ. धन सिंह रावत
सूबे के विद्यायली शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के नौनिहालों को गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में, राज्य सरकार ने दिव्यांग विद्यार्थियों की समस्याओं पर गौर करते हुए उन्हें स्कूली परीक्षाओं में अतिरिक्त समय देने का निर्णय लिया है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को प्रति घंटे 20 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
श्रुत लेखक और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी
मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि दिव्यांग विद्यार्थी परीक्षा के दौरान श्रुत लेखक की मदद भी ले सकेंगे, जो उस कक्षा से निचली कक्षा का विद्यार्थी होना जरूरी है। इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर ब्रेलर, अबेकस, ज्योमेट्री और सांकेतिक भाषा की व्यवस्था भी संस्थान द्वारा कराई जाएगी। कक्षा 3 और कक्षा 4 में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों की मौखिक परीक्षा लेकर ही उनका परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा।
दिव्यांग बच्चों के लिए बाधा मुक्त पहुंच सुनिश्चित
डॉ. रावत ने बताया कि राज्य सरकार दिव्यांग बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को लेकर संवेदनशील है। प्रदेशभर के स्कूलों में सभी छात्र-छात्राओं के लिए एक सक्षम शैक्षिक वातावरण तैयार किया जा रहा है। खासकर दिव्यांग बच्चों के स्कूलों तक बाधा मुक्त पहुंच के लिए रैंप, रेलिंग, अनुकूल शौचालय और विशेष शिक्षकों की व्यवस्था की जा रही है, ताकि बेंचमार्क दिव्यांगता वाले बच्चे आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सकें।
बेंचमार्क दिव्यांगता के प्रकार
बेंचमार्क दिव्यांगता, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत मान्यता प्राप्त किसी भी प्रकार की विकलांगता से कम से कम 40 फीसदी प्रभावित होने को कहा जाता है। इस अधिनियम में अंधापन, कुष्ठ रोग, बहरापन, लोकोमोटर दिव्यांगता, मानसिक बीमारी, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, बौनापन, बौद्धिक दिव्यांगता, सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्राफी, क्रोनिक न्यूरोलॉजी, विशिष्ट सीखने की अक्षमता, मल्टीपल स्कलेरोसिस, भाषण और भाषा दिव्यांगता, थेलेसिमिया, हीमोफिलिया, सिकल सेल रोग, एसिड अटैक और पार्किसंस रोग शामिल हैं। इनसे प्रभावित बच्चों को प्राथमिक शिक्षा की परीक्षा में अतिरिक्त समय की छूट प्रदान की जाएगी।