राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष उत्सव थत्यूड़ में धूमधाम से सम्पन्न
विजयदशमी पर पथ संचलन, मातृशक्ति ने किया फूलों से स्वागत

रिपोर्ट —मुकेश रावत
थत्यूड़। सरस्वती शिशु मंदिर थत्यूड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विजयदशमी उत्सव एवं पथ संचालन कार्यक्रम भव्य रूप से सम्पन्न हुआ।
सरस्वती शिशु मंदिर से निकले पथ संचलन ने मुख्य बाजार थत्यूड़ होते हुए शिव मार्केट और सुक्तियाना बाजार तक अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान मातृशक्ति ने स्वयंसेवकों पर फूलों की वर्षा कर उनका अभिनंदन किया। स्वयंसेवकों ने जोश और उत्साह से भरे देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर पूरे वातावरण को राष्ट्रभक्ति की भावना से सराबोर कर दिया।
स्थापना के 100 वर्ष पर बौद्धिक कार्यक्रम
इससे पूर्व सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर बौद्धिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में आगामी वर्षभर चलने वाले संघ के विभिन्न आयोजनों की रूपरेखा पर विचार-विमर्श हुआ।
जिला संघचालक सेमवाल का संबोधन
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला संघचालक सत्य प्रसाद सेमवाल ने कहा कि पूरे देशभर में संघ अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। इस अवसर पर संघ ने वर्षभर के लिए पाँच प्रमुख बिंदु तय किए हैं –
- सामाजिक समरसता
- कुटुंब प्रबोधन
- स्वभाषा का बोध
- नागरिक कर्तव्य
- राष्ट्रीय भावना का जागरण
उन्होंने कहा कि संघ का मूल उद्देश्य प्रत्येक नागरिक के भीतर राष्ट्रीय भक्ति और कर्तव्यनिष्ठा की भावना का विकास करना है।
120 स्वयंसेवकों की गरिमामयी भागीदारी
इस अवसर पर विभाग प्रचारक अजय, खंड कार्यवाहक रमन रावत, कार्यक्रम अध्यक्ष जगत सिंह असवाल, प्रधानाचार्य मनदेव सिंह रावत, कमलेश्वर प्रसाद बडोनी, सुभाष पडियार, पूर्व ब्लॉक प्रमुख कुंवर सिंह पंवार, वीरेंद्र सिंह राणा, खेमराज भट्ट, अकवीर पंवार, कुलवीर रावत, पृथ्वी सिंह रावत समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
करीब 120 स्वयंसेवकों ने पथ संचालन में अनुशासन और एकजुटता का अद्वितीय प्रदर्शन किया।