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थत्यूड-कैम्पटी मोटर मार्ग अधर में लटका, ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी

आठ साल बाद भी सड़क अधूरी, आखिर जिम्मेदारी किसकी?

ग्रामीणों को कब मिलेगी राहत? अधूरी सड़क की स्वीकृति में देरी क्यों?

पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने की बातें सिर्फ कागजों तक सीमित?

रिपोर्ट —मुकेश रावत 

थत्यूड। क्षेत्र के दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला थत्यूड-कैम्पटी मोटर मार्ग अब तक पूर्ण नहीं हो सका है, जिससे स्थानीय लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मोटर मार्ग के शेष 13 किलोमीटर में से डेढ़ किलोमीटर की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण यह सड़क अधूरी पड़ी हुई है। वर्ष 2016 में प्रारंभ हुआ यह निर्माण कार्य आज तक पूरा नहीं हो सका, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।

इस मार्ग के किलोमीटर 12 से 17 तक सड़क मानकों के अनुरूप नहीं कट पाई, जिससे इस पर सफर करना जोखिम भरा बना हुआ है। इस सड़क से लगडासू, कांडाजाख, कफूल्टी, तूनेटा, लावणी धार, कोल्टी, मवाणा सहित दर्जनों गांवों के लोग जुड़ते हैं, जिन्हें ब्लॉक मुख्यालय थत्यूड पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यदि यह मार्ग बन जाए तो कैम्पटी क्षेत्र के कई गांवों को भी ब्लॉक मुख्यालय तक आने-जाने में सुविधा होगी।

ग्रामीणों का मानना है कि यदि यह मार्ग पूरा हो जाता है तो मसूरी और कैम्पटी आने वाले पर्यटक थत्यूड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल देवलसारी और नाग टिब्बा तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इससे स्थानीय युवाओं को होमस्टे और स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे, जिससे क्षेत्र का आर्थिक विकास भी संभव होगा।
पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य जयपाल कैरवाण, ग्राम प्रशासक देवेंद्र पंवार, पूर्व प्रधान दयाल सिंह, विक्रम सिंह पंवार, सुभाष पंवार आदि ने शासन-प्रशासन से शीघ्र इस अधूरे मोटर मार्ग को पूरा करने की मांग की है।

इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सोनू कुमार त्यागी का कहना है कि डेढ़ किलोमीटर शेष मार्ग को जिला योजना में प्रस्तावित किया गया है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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