- 37 घंटे में अपहरण सुलझा, नाबालिग सुरक्षित बरामद
- पुलिस की त्वरित कार्रवाई, 16 वर्षीय नाबालिग का अपहरणकर्ता गिरफ्तार
- जालंधर से नाबालिग बरामद, आरोपी पोक्सो एक्ट में गिरफ्तार
थत्यूड : थाना थत्यूड के भैम पट्टी दशज्यूला गांव से 16 वर्षीय नाबालिग के अपहरण का मामला सामने आया, जिसे पुलिस ने महज 37 घंटे में सुलझा लिया। वादिनी सीमा देवी (काल्पनिक नाम) ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनकी नाबालिग पुत्री को गांव के ही निवासी नरेश लाल बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नवनीत सिंह ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्चाधिकारियों को सूचित किया और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। एसएसपी ने कहा, “यह मामला बेहद संवेदनशील था, और हमने तुरंत कई टीमों का गठन कर मामले की जांच शुरू की। हमारी प्राथमिकता नाबालिग को सुरक्षित बरामद करना और आरोपी को गिरफ्तार करना था।”
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के निर्देशन और क्षेत्राधिकारी (सीओ) चम्बा के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष थत्यूड के नेतृत्व में चार विशेष टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने अलग-अलग पहलुओं पर काम किया, जिनमें सीसीटीवी फुटेज की जांच, देहरादून के बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर तलाशी, नाबालिग के सहपाठियों से पूछताछ, और मोबाइल सर्विलांस शामिल थे।
गहन जांच के बाद, पुलिस को पता चला कि आरोपी नरेश लाल नाबालिग को जालंधर, पंजाब ले गया है। मुखबिर की सटीक सूचना पर, पुलिस टीम ने 10 अगस्त 2024 को जालंधर पहुंचकर आरोपी नरेश लाल को गिरफ्तार कर लिया और नाबालिग को सुरक्षित बरामद किया।
पूछताछ के दौरान, नरेश लाल ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। आरोपी के खिलाफ पोक्सो अधिनियम के तहत अतिरिक्त धाराओं के साथ मामला दर्ज किया गया। एसएसपी नवनीत सिंह ने कहा, “हमारी टीम की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के कारण, आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार किया गया और नाबालिग को सुरक्षित बरामद किया गया। यह पुलिस की सतर्कता और समर्पण का नतीजा है।”
अभियुक्त को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस पूरी कार्रवाई में थानाध्यक्ष अमित शर्मा, उपनिरीक्षक राहुल थापा, उपनिरीक्षक जितेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल अरुण शर्मा, कैलाश चौहान, महिला कांस्टेबल अकिंता और कांस्टेबल नजाकत ने अहम भूमिका निभाई।