
- सरकारी संसाधनों की होगी डिजिटल ट्रैकिंग, टिहरी में UK-GAMS पोर्टल पर विशेष फोकस
- आपदा प्रबंधन से लेकर विकास योजनाओं तक, GIS तकनीक से बदलेंगे प्रशासनिक कार्य
नई टिहरी। टिहरी जनपद प्रशासन ने जिले को डिजिटल और आधुनिक प्रशासनिक संरचना की ओर अग्रसर करने के उद्देश्य से बड़ी पहल शुरू की है। मंगलवार देर शाम जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने जिला सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक कर टिहरी गढ़वाल में लैंड बैंक निर्माण और अपडेटिंग पर चर्चा की।
बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले की सभी सरकारी भूमि और भवनों की GIS आधारित मैपिंग अनिवार्य रूप से की जाए। इसके लिए सभी पटवारियों को अपने-अपने क्षेत्र का डिजिटल लैंड बैंक तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है। इसका उद्देश्य भूमि उपयोग का सटीक डेटा एक क्लिक पर उपलब्ध कराना है।
जिलाधिकारी ने उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (USAC), देहरादून के वैज्ञानिकों को निर्देशित किया कि वे तहसीलदारों और पटवारियों को UK-GAMS (Uttarakhand Government Asset Management System) पोर्टल पर कार्यप्रणाली की विशेष प्रशिक्षण प्रदान करें। इससे संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता और डिजिटल सक्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
जिलाधिकारी खंडेलवाल ने कहा:
“मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पारदर्शी शासन की मंशा के अनुरूप, सभी शासकीय संसाधनों को भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) के माध्यम से वर्गीकृत कर एक मजबूत डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जाना आवश्यक है। इससे विकास कार्यों में तेजी और आपदा प्रबंधन में तत्परता लाई जा सकेगी।”
उन्होंने सभी एसडीएम को आपदा से जुड़ी सामग्री का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। साथ ही, ‘अपणि सरकार’ पोर्टल पर अस्वीकृत आवेदनों का विश्लेषण करने और नायब तहसीलदार, कानूनगो सहित अन्य रिक्त पदों की रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया।
जिलाधिकारी ने GIS तकनीक को जिले के लिए आपदा प्रबंधन, शहरी नियोजन, भू-अनुमान, संसाधन मानचित्रण और त्वरित प्रशासनिक निर्णयों का आधार बताया।
बैठक में एडीएम अवधेश कुमार, सभी उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी कुसुम, सांख्यिकी अधिकारी साक्षी शर्मा, और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।