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संवेदनशील स्थलों पर तैनात होंगी हाईटेक जेसीबी मशीनें, जीआईएस मैपिंग से होगी निगरानी: जिलाधिकारी टिहरी

टिहरी गढ़वाल | 16 जून 2025

मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन को और अधिक प्रभावी एवं तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाने की दिशा में टिहरी गढ़वाल प्रशासन ने एक और ठोस कदम उठाया है। जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने सोमवार को जिला कार्यालय सभागार में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर संवेदनशील स्थलों पर जेसीबी तैनाती और तकनीकी संसाधनों की समीक्षा की।

बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप जिले में आपदा प्रबंधन को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए संवेदनशील और स्लिप जोन क्षेत्रों की पूर्व तैयारियों को और सशक्त किया जा रहा है। इसी क्रम में पहले ही इन स्थलों की जीआईएस मैपिंग कर ली गई है, जिसमें सरकारी और निजी जेसीबी मशीनों को अलग-अलग रंगों से चिन्हित किया गया है।

24 संवेदनशील स्थलों पर तैनात जेसीबी मशीनें

लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता मनोज बिष्ट ने जानकारी दी कि जिले के 24 चिन्हित स्लिप जोन पर बारिश के दौरान मलबा आने से सड़कों के अवरुद्ध होने की आशंका के मद्देनजर जेसीबी मशीनें पहले ही तैनात कर दी गई हैं।

उन्होंने बताया कि सभी जेसीबी ऑपरेटरों के मोबाइल नंबर संबंधित पोर्टल पर फीड कर दिए गए हैं, जिससे किसी भी आपदा की स्थिति में सिर्फ 5 से 30 मिनट के भीतर मशीनें मौके पर पहुंच सकेंगी और यातायात को बहाल किया जा सकेगा।

तकनीक से होगी रीयल टाइम निगरानी

जीआईएस पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक स्लिप जोन की निगरानी की जा रही है। लाल रंग में दर्शाए गए क्षेत्र सरकारी जेसीबी की मौजूदगी को दर्शाते हैं, जबकि नीले रंग में निजी जेसीबी चिन्हित हैं। इससे आपदा प्रबंधन में पारदर्शिता और तेजी दोनों सुनिश्चित होगी।

जिले में तकनीकी अपग्रेडेशन जारी रहेगा: जिलाधिकारी

जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने कहा कि भविष्य में इस प्रणाली को और भी अधिक आधुनिक और हाईटेक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि मानसून सत्र के दौरान किसी भी प्रकार की जनहानि या सम्पत्ति की क्षति न हो और राहत कार्य बिना किसी देरी के शुरू हो सके।”

 

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