टिहरी का रिश्वतखोर नाजिर और हरिद्वार का घोटालेबाज इंजीनियर – धामी सरकार ने दोनों पर गिराई गाज

देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्त नीति का असर अब ज़मीन पर साफ़ दिखाई दे रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत एक ओर जहां रिश्वत लेते नाजिर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है, वहीं सिंचाई विभाग के एक वरिष्ठ अभियंता को निलंबित कर बड़ी कार्रवाई की गई है।
धनोल्टी तहसील में नाजिर 15,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा गया
धनोल्टी तहसील, जिला टिहरी गढ़वाल में तैनात नाजिर वीरेन्द्र सिंह कैन्तुरा को सतर्कता अधिष्ठान, सैक्टर देहरादून की ट्रैप टीम ने मंगलवार को 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी द्वारा खरीदी गई भूमि की दाखिल-खारिज प्रक्रिया में नाजिर जानबूझकर गलत आपत्ति रिपोर्ट लगा रहा है और सही रिपोर्ट के बदले 15,000 रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा था।
शिकायत की पुष्टि होने के बाद सतर्कता टीम ने 13 मई 2025 को धनोल्टी तहसील में कार्यरत नाजिर को रिश्वत की रकम लेते हुए गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त के आवास एवं अन्य ठिकानों पर पूछताछ एवं चल-अचल संपत्तियों की जांच जारी है।
सतर्कता विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी सरकारी कार्यों के एवज में रिश्वत मांगता है, तो वे बेहिचक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता आर.के. तिवारी निलंबित
भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने सिंचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता आर.के. तिवारी को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई हरिद्वार के पंतदीप पार्किंग की नीलामी में हुए घोटाले को लेकर की गई है।
सीबीआई द्वारा की गई जांच और शासन को सौंपी गई रिपोर्ट में आर.के. तिवारी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार के पर्याप्त साक्ष्य पाए गए। इसके बाद शासन ने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित करते हुए मुख्य अभियंता स्तर-2, अल्मोड़ा कार्यालय से संबद्ध कर दिया है।