हरिद्वार। शुक्रवार से पंचक शुरू हो गया। यह पांच दिन यानी 24 जुलाई तक चलेगा। इस वजह से कांवड़ यात्रा की रफ्तार भी धीमी पड़ गई है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पंचकों में काष्ठ खरीदना निषिद्ध है। कुछ लोग इसे कांवड़ उठाना निषिद्ध बताते हैं। इसलिए इन पांच दिनों में कम कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचेंगे। हालांकि गुरुवार को करीब पांच लाख कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे। वहीं, यात्रा के पहले दिन यानी श्रावन मास की शुरूआत में 17 जुलाई को करीब सात लाख कांवड़ यात्री गंगा जल लेने हरिद्वार आए थे।
मान्यता है कि आस्था के आगे सारी विध्न-बाधाएं खुद दूर हो जाती हैं। आस्था और विश्वास की डगर ही ऐसी है कि जो चल पड़ा, वह इस पर बढ़ता ही गया। न कदम रुके, न विश्वास डिगा। कांवड़ मेले में इन दिनों यही कुछ नजर आ रहा है। पंचकों की परवाह न करते हुए कांवड़ यात्रियों की वापसी का क्रम जारी रहा, जबकि पांच लाख के करीब कांवड़ यात्री अपने पुनीत लक्ष्य के संकल्प को पूरा करने हरिद्वार पहुंचे।