
मुख्य समाचार | उत्तराखंड
देहरादून । उत्तराखंड में चल रही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत आज भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग का ऐतिहासिक ब्रेकथ्रू सफलतापूर्वक पूरा हो गया। देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक बनी 14.57 किलोमीटर लंबी इस सुरंग ने भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सुरंग स्थल पर पहुंचे और निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। दोनों नेताओं ने परियोजना की प्रगति पर संतोष जताया और इस उपलब्धि के लिए आरवीएनएल (रेल विकास निगम लिमिटेड) की सराहना की।
टीबीएम तकनीक से बनी सबसे लंबी सुरंग
केंद्रीय रेल मंत्री ने जानकारी दी कि यह देश की पहली पहाड़ी सुरंग है, जिसे अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीन (TBM) तकनीक से तैयार किया गया है। 9.11 मीटर व्यास की इस सिंगल-शील्ड रॉक टीबीएम ने निर्माण कार्य में जो तेजी और सटीकता दिखाई है, वह वैश्विक मानकों पर भी मिसाल बन चुकी है।
हर मौसम में आसान सफर, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
रेल मंत्री ने बताया कि यह रेल लाइन ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक सफर के समय को 7 घंटे से घटाकर महज 2 घंटे कर देगी। इस परियोजना से देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे शहरों को सीधे जोड़ा जाएगा। इससे न केवल हर मौसम में आवागमन संभव होगा, बल्कि चार धाम यात्रा और राज्य के पर्यटन एवं व्यापार को भी नई रफ्तार मिलेगी।
मुख्यमंत्री बोले—यह सिर्फ सुरंग नहीं, भविष्य का रास्ता है
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्य के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा, “यह परियोजना उत्तराखंड के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों को देश की मुख्यधारा से जोड़ेगी और युवाओं को रोजगार, कारोबार और संपर्क के नए अवसर देगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना के लिए सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है और आगे की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
उपस्थित रहे कई वरिष्ठ अधिकारी
इस मौके पर केबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, टिहरी डीएम मयूर दीक्षित, आरवीएनएल चेयरमैन प्रदीप गौर, उत्तर रेलवे के जीएम अशोक कुमार वर्मा, और कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।