उत्तराखंड ताज़ाथत्यूड

श्रीमद्भागवत कथा: हवन, प्रसाद और भक्ति के साथ हुआ भव्य समापन

  • तेवा में भागवत कथा का समापन: भक्ति और भंडारे में डूबा माहौल

रिपोर्ट -मुकेश रावत

थत्यूड़। धनोल्टी तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत तेवा में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन शुक्रवार को हवन-यज्ञ और भंडारे के साथ हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हवन यज्ञ में आहुति डाली और प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया।

कथा आचार्य अंकुश कृष्णा लेखवार ने भागवत कथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा, “श्रीमद्भागवत कथा से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। यह कथा व्यक्ति को भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के मार्ग पर प्रेरित करती है।” उन्होंने हवन-यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे न केवल वातावरण शुद्ध होता है बल्कि व्यक्ति को आत्मिक बल भी प्राप्त होता है। उन्होंने बताया, “यज्ञ देवताओं को प्रसन्न करता है और मनुष्य को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।

कथा आचार्य ने प्रसाद के अर्थ को समझाते हुए कहा, “प्रसाद का अर्थ है प्रभु का साक्षात दर्शन। जीवन भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है, जिसका सम्मान करना हर व्यक्ति का धर्म है। भगवान के भोग का शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बनता है। इसका अपमान करना भगवान का अपमान करने के समान है।
कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद लिया और भक्ति मार्ग से जुड़ने का संकल्प लिया। समापन अवसर पर सामूहिक आरती के बाद भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह से भाग लिया।

इस अवसर पर मुख्य आयोजक भगत सिंह रावत, रणवीर सिंह रावत, राजेश रावत, जयपाल रावत, मुकेश रावत, दिनेश रावत, मनजीत रावत, महिपाल रावत और अंजित रावत सहित समस्त ग्रामीणों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।

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