टिहरी न्यूज : कार्यक्रम परामर्शी समिति की बैठक सम्पन्न: शिक्षा की गुणवत्ता सुधार पर चर्चा

टिहरी। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सभागार कक्ष में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में कार्यक्रम परामर्शी समिति (पीएसी) की बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार और नई योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
शिक्षा में डायट का महत्वपूर्ण योगदान
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बैठक में कहा कि एक बच्चे के जीवन में शिक्षक का उतना ही महत्व है जितना शिक्षक के जीवन में डायट का। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत डायट की स्थापना उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि डायट के कार्य उच्च गुणवत्ता पूर्वक होंगे, तो शिक्षा का स्तर बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।
बाल केंद्रित एवं रूचिपूर्ण शिक्षा का वातावरण
बच्चों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से विद्यालयों में बाल केंद्रित एवं रूचिपूर्ण शिक्षा का वातावरण विकसित करने पर जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक की व्यवसायिक दक्षताओं एवं मूल्यों का संवर्द्धन कर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है।
विगत वर्ष के कार्यों का विवरण
बैठक में पीपीटी के माध्यम से विगत वर्ष का कार्य विवरण प्रस्तुत किया गया। इसमें बताया गया कि कक्षा 01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को गणित स्किल हेतु गत्ते व प्लास्टिक से बने उपकरणों का उपयोग कर उनकी स्किल डेवलपमेंट के कार्य किए गए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि इन छात्रों की तुलना उन स्कूलों के छात्रों से की जाए जिन्होंने पूर्व में इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया था।
भविष्य की योजनाएं
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि इस वर्ष का प्लान अभी से तैयार कर लिया जाए और जुलाई से इस पर कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने टिहरी की विरासत पर कार्य करने के साथ-साथ सफलता की कहानियों को भी छात्रों तक पहुंचाने पर जोर दिया। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में सफल लोगों की जानकारी छात्रों को दी जाएगी ताकि वे अपने लक्ष्यों की ओर प्रेरित हो सकें।
प्रचार-प्रसार की आवश्यकता
जिलाधिकारी ने कहा कि जिन विद्यालयों में कुछ नया होता है, उसका प्रचार-प्रसार मीडिया के माध्यम से किया जाए। डायट कर्मिकों ने बताया कि उनका अपना एक यू-ट्यूब चैनल है, जिसके माध्यम से समय-समय पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी साझा की जाती है।
विकास परक योजनाओं का भ्रमण
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि इस वर्ष जनपद के सभी इंटर कॉलेजों की सारणी तैयार कर विभिन्न विकासपरक योजनाओं के भ्रमण हेतु छात्र-छात्राओं का दल तैयार किया जाए। इन बच्चों को कृषि, उद्यान, बागवानी जैसे क्षेत्रों में कार्य कर रहे सफल किसानों के कार्यों का निरीक्षण करवाया जाए। साथ ही जिला मुख्यालय पर एक वृहद स्तर की कार्यशाला का आयोजन किया जाए, जिसमें शिक्षक, छात्र-छात्राएं एवं सफल लोग अनिवार्य रूप से उपस्थित हों।
रोजगार उत्पन्न करने पर जोर
जिलाधिकारी ने कहा कि रोजगार उत्पन्न करना आज की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। इसके लिए छात्र-छात्राओं की समय-समय पर काउंसलिंग कराई जानी चाहिए। आज के छात्रों में विजनरी युवाओं की भरमार है, बस उनकी स्किल को उभारने की आवश्यकता है।
विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा
बैठक में प्राचार्य डायट द्वारा परिसर हेतु सफाई कर्मी, कम्प्यूटर संचालन व पुस्तकालय संबंधी प्रस्ताव रखे गए। जिलाधिकारी ने मानकों के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर कुल 72.40 लाख रु. की धनराशि विभिन्न कार्यों हेतु स्वीकृत की गई।
सेल्फी प्वाइंट का उद्घाटन
केन्द्र में प्रशिक्षु छात्रों द्वारा एक सेल्फी प्वाइंट तैयार किया गया, जिस पर जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों ने सेल्फी भी ली।
उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल, प्राचार्य हेमलता भट्ट, अजय कुमार चौरसिया, प्रमोद पैन्यूली, जगमोहन मखलोगा, राजेन्द्र प्रसाद बडोनी, देव सिंह भण्डारी, दिनेश चन्द्र, सरिता असवाल सहित डायट व विभिन्न शिक्षण संस्थानों के कार्मिक उपस्थित थे।