थत्यूड़ में रामलीला मंचन के द्वितीय दिवस में गूंजा जय श्रीराम का उद्घोष
राम जन्म, सीता जन्म और ताड़का वध रहे मुख्य आकर्षण

- राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न के जन्म का मंचन देखकर भावुक हुए दर्शक
- मिथिला में सीता जन्म दृश्य पर गूंजे “जय माता सीता” के नारे
- फेसबुक लाइव से देश-विदेश में हो रही रामलीला की सराहना
- स्थानीय कलाकारों ने किया उत्कृष्ट अभिनय
रिपोर्ट-मुकेश रावत
थत्यूड़ ( टिहरी गढ़वाल)। स्थानीय श्रीरामलीला समिति के तत्वावधान में चल रहे पारंपरिक रामलीला मंचन के द्वितीय दिवस में मंच पर पौराणिक प्रसंगों ने दर्शकों को भक्ति और भावनाओं से सराबोर कर दिया। इस दौरान राम जन्म लीला, सीता जन्म लीला और ताड़का वध लीला मुख्य आकर्षण रहे।
मंच पर जीवंत हुआ दशरथ और वशिष्ठ संवाद
रामलीला के द्वितीय दिवस की शुरुआत में महाराज दशरथ ने अपने मंत्री सुमंत को कुलगुरु वशिष्ठ ऋषि को महल में बुलाने का आदेश दिया। दशरथ ने अपनी संतानहीनता का दुख व्यक्त किया, जिस पर वशिष्ठ ऋषि ने ऋंगि ऋषि को अयोध्या बुलाकर पुत्रेष्टि यज्ञ संपन्न कराया। इसी प्रसंग में राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के जन्म की हर्षोल्लासपूर्ण प्रस्तुति हुई।
मिथिला में हुआ मां सीता का जन्म, बरसी खुशियों की वर्षा
अगले दृश्य में मिथिलापुरी का प्रसंग मंचित हुआ, जहां अकाल से पीड़ित किसानों को आकाशवाणी के माध्यम से संदेश मिला कि जब महाराज जनक अपनी रानी सुनैना के साथ सोने का हल चलाएंगे, तभी वर्षा होगी। यह दृश्य दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।
महाराज जनक द्वारा हल चलाने के साथ ही धरती से मां जानकी (सीता) का प्रकट होना और तत्पश्चात मिथिला में वर्षा होना, दर्शकों के मन को भक्ति भाव से भर गया।
राम द्वारा ताड़का वध का दृश्य रहा रोमांचक
इसके बाद ताड़का वध लीला का मंचन हुआ। ऋषि विश्वामित्र ने राजा दशरथ से अनुमति लेकर राम और लक्ष्मण को अपने साथ आश्रम ले गए, जहां राम ने ताड़का का वध कर धर्म की रक्षा की। इस दृश्य के दौरान दर्शकों ने ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष से वातावरण गूंजा दिया।
देश-विदेश तक लाइव प्रसारण
इस रामलीला मंचन का सीधा प्रसारण “एस. सजवाण प्रोडक्शन” के डिजिटल चैनल पर फेसबुक लाइव किया जा रहा है। देश-विदेश में बसे उत्तराखंडवासी इस मंचन को देखकर अपनी संस्कृति से जुड़ाव का अनुभव कर रहे हैं और मंचन की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं।
कलाकारों ने निभाए जीवंत किरदार
राम का अभिनय मनोज भट्ट, लक्ष्मण का प्रवीण पंवार, दशरथ का कमल किशोर नौटियाल, सुमंत का दीपक सकलानी, किसान का दीपक सजवाण, तथा ताड़का का मुनिम प्रधान ने प्रभावशाली ढंग से निभाया।
संगीत पक्ष में संदीप पंवार और संदीप राणा की संगत ने मंचन को और भी जीवंत बना दिया।
अतिथि व समिति सदस्य रहे उपस्थित
द्वितीय दिवस की रामलीला में मुख्य अतिथि आलोक रावत और रोशन लाल विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर रामलीला धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक समिति के अध्यक्ष गजेन्द्र असवाल, रामप्रकाश भट्ट, हरिश नौटियाल, हरिलाल और शिवांश सजवाण सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
मंच संचालन प्रसिद्ध उद्घोषक सुनील सजवाण ने किया, जिन्होंने अपनी सजीव वाणी से पूरे कार्यक्रम को जीवंत बनाए रखा।