महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथयानी में रजत जयंती वर्ष के अवसर पर संगोष्ठी आयोजित
श्रीमद्भगवद्गीता में जीवन प्रबंधन विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

बिथयानी। महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथयानी, यमकेश्वर, पौड़ी गढ़वाल में रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में “श्रीमद्भगवद्गीता में जीवन प्रबंधन” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी संस्कृत विभाग, महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथयानी एवं राजकीय महाविद्यालय बनबसा, चंपावत के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित हुई।
गीता — जीवन प्रबंधन का श्रेष्ठ ग्रंथ : प्रो. विवेक शर्मा
मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. विवेक शर्मा ने कहा कि गीता जीवन प्रबंधन की सर्वोत्तम शिक्षा देती है। गीता में जीवन की प्रत्येक चुनौती से निपटने का मार्ग प्रस्तुत है। उन्होंने बताया कि सभी दर्शनों का सार गीता में समाहित है, जो मनुष्य को कर्म, भक्ति और ज्ञान के माध्यम से संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा देती है।
जीवन में दिशा देती है गीता : प्रो. मनोज नौटियाल
हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. मनोज नौटियाल ने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन की गहराइयों को समझाने वाला प्रबंधन सूत्र है। यह व्यक्ति को कर्तव्य पालन, आत्मसंयम और निर्णय क्षमता विकसित करने का संदेश देती है।
उच्च शिक्षा निदेशक ने बढ़ाया उत्साह
संगोष्ठी में उच्च शिक्षा निदेशक प्रोफेसर विश्वनाथ खली मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ने का कार्य करते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा ने की।
धन्यवाद ज्ञापन और संचालन
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. नीरज नौटियाल ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा ने प्रस्तुत किया।
शिक्षकगण व स्टाफ की रही विशेष उपस्थिति
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. गिरिराज सिंह, डॉ. उमेश त्यागी, डॉ. विनय पांडेय, डॉ. राम सिंह सामंत, डॉ. सुनील प्रसाद, डॉ. पूजा रानी, डॉ. हिमानी बडोनी, डॉ. केशव डबराल, डॉ. मनवीर कंडारी, डॉ. चेतन भट्ट, नरेश राणा, महेंद्र सिंह बिष्ट सहित समस्त शिक्षण एवं गैर-शिक्षण स्टाफ उपस्थित रहा।



