टिहरी गढ़वाल

भिलंगना में 13 वर्षीय बालिका को तेंदुए ने बनाया शिकार, वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई के साथ शूटर तैनात

टिहरी गढ़वाल: भिलंगना ब्लॉक महरगांव में शनिवार, 19 अक्टूबर को एक दर्दनाक घटना में 13 वर्षीय बालिका साक्षी पुत्री विक्रम सिंह तेंदुए के हमले का शिकार हो गई। शाम 4 से 4:30 बजे के बीच, जब साक्षी अपने पालतू जानवरों को घर वापस ला रही थी, तो घात लगाकर बैठे तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया और उसकी जान ले ली। घटना स्थल से बालिका का शव 50 मीटर की दूरी पर मिला।

घटना की सूचना मिलते ही प्रभागीय वनाधिकारी टिहरी वन प्रभाग, पुनीत तोमर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। विधायक घनसाली भी घटना स्थल पर पहुंचे और भिलंगना क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।

घटना के तुरंत बाद, तेंदुए को पकड़ने या निष्प्रभावी करने के लिए तीन टीमें बनाई गईं, जिनमें 10-10 लोग शामिल थे। टिहरी और नरेंद्रनगर वन प्रभाग से आठ विभागीय शूटर तैनात किए गए हैं। क्षेत्र में तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 20 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। टीमें ड्रोन, बीम टॉर्च, फॉक्स लाइट और अन्य उपकरणों से लैस हैं। इसके साथ ही टीम की आवाजाही के लिए तीन वाहन तैनात किए गए हैं, और बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूलों के लिए दो वाहन किराए पर लिए गए हैं।

घटना के मद्देनजर, गांव में 10 सोलर लाइट पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं, और अतिरिक्त सोलर लाइट लगाने के लिए चिन्हित स्थानों पर जल्द ही काम शुरू होगा। तेंदुए की गतिविधियों को देखते हुए, क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। ग्रामीणों के घर बिखरे होने और सघन जंगलों की चुनौतियों के बावजूद, वन विभाग की टीमें पूरी मुस्तैदी के साथ तेंदुए को पकड़ने के लिए जुटी हुई हैं।

प्रभागीय वनाधिकारी पुनीत तोमर ने जानकारी दी कि मानव-वन्यजीव संघर्ष के अंतर्गत साक्षी के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। रविवार होने के कारण यह राशि सोमवार को एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से प्रदान की जाएगी।

वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने गांव के प्रधानों और राजस्व विभाग से अपील की है कि वे इलाके में कम से कम आवाजाही और शोर सुनिश्चित करें, ताकि तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और उसे जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में 90% सघन जंगल हैं, जहां बांज के पेड़ों की भरमार है। गांवों के बिखरे हुए घर और घने जंगल कार्य में बाधा जरूर डाल रहे हैं, लेकिन वन विभाग की टीमें पूरे समर्पण के साथ तेंदुए को पकड़ने के लिए प्रयासरत हैं।

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