उत्तराखंड। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। विभिन्न सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को तेजी से भरा जा रहा है। इसी कड़ी में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखंड में भी कैबिनेट की बैठक के बाद विभिन्न पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखंड डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि खाद्य विभाग द्वारा राज्य में खाद्य अपमिश्रण पर अंकुश लगाने हेतु मानव संसाधन जैसे कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी को जल्दी दूर किया जाएगा। गढ़वाल मंडल के अंतर्गत देहरादून में खाद्य विश्लेषणशाला स्थापित की जा रही है और विश्लेषणशाला हेतु 13 पदों का सृजन किया गया है। इन पदों में खाद्य विश्लेषक, वरिष्ठ विश्लेषक खाद्य, वैज्ञानिक अधिकारी (खाद्य), वैज्ञानिक सहायक (खाद्य) एवं कनिष्ठ विश्लेषक (खाद्य) के पद शामिल हैं। वहीं, सचल खाद्य विश्लेषणशालाओं के संचालन हेतु 08 पदों को आउटसोर्स के माध्यम से भरने की भी कैबिनेट ने सहमति प्रदान की है, जिनमें कनिष्ठ विश्लेषक (खाद्य), प्रयोगशाला सहायक व वाहन चालक के पद शामिल किए गए हैं।
7200 खाद्य नमूनों का लक्ष्य
आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य के रुद्रपुर स्थित विश्लेषणशाला में खाद्य नमूनों की परीक्षण सीमा प्रतिवर्ष 3000 नमूने हैं, जबकि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा राज्य को 7200 खाद्य नमूनों के परीक्षण का लक्ष्य दिया गया है। रुद्रपुर विश्लेषणशाला में क्षमता से अधिक लीगल एवं सर्विलांस खाद्य नमूनें भेजे जाने के कारण परीक्षण रिपोर्ट में विलंब हो जाता है। खाद्य विभाग में कर्मचारियों की तैनाती से इसमें तेजी आएगी और लक्ष्य पूरा हो सकेगा।
दूध से निर्मित खाद्य नमूनों की जांच दून में
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि शीघ्र खराब होने वाले दूध एवं दूध से निर्मित खाद्य नमूने एवं मिठाइयां राज्य के दूरस्थ जनपदों से रुद्रपुर विश्लेषणशाला में पहुंचने से पूर्व खराब हो जाती हैं। अब इन नमूनों को देहरादून स्थित नवनिर्मित लैब में सुरक्षित समय सीमा के अंदर परीक्षण किया जा सकेगा जिससे मिलावट एवं मिलावटखोरों पर रोकथाम हो पाएगी। नमूनों की परीक्षण रिपोर्ट समय सीमा के अंदर निर्गत हो सकेगी, जिससे राज्य के आम जनमानस एवं विभिन्न यात्राओं में आने वाले तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित एवं गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी।
रुद्रपुर लैब का दबाव कम होगा
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि उत्तराखंड राज्य देवभूमि के नाम से देश एवं विश्व में प्रसिद्ध है। यहाँ पर महाकुंभ, चारधाम यात्रा, कावड़ यात्रा, मेले के साथ-साथ सरकार द्वारा चलाए गए विशेष अभियानों पर खाद्य नमूनें विश्लेषणशाला में भेजे जाते हैं। अत्यधिक खाद्य नमूनों का दबाव होने एवं मानव संसाधन की कमी के कारण रुद्रपुर स्थित लैब का परीक्षण कार्य प्रभावित हो जाता है। देहरादून में नई लैब स्थापित हो जाने से रुद्रपुर लैब का दबाव कम हो जाएगा।
आम नागरिकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली के सहयोग से उत्तराखंड राज्य में सचल खाद्य विश्लेषणशालाओं का संचालन किया जा रहा है। इनके माध्यम से खाद्य नमूनों का मौके पर ही परीक्षण करके आम नागरिकों को जनजागरूकता एवं प्रशिक्षण दिया जाता है। उक्त हेतु 08 आउटसोर्स पदों का सृजन किया गया है, जिससे सचल खाद्य विश्लेषणशालाओं की कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।