रिपोर्ट –मुकेश रावत
थत्यूड़। शीतकालीन अवकाश के दौरान हिमोत्थान सोसाइटी द्वारा जौनपुर क्षेत्र में आयोजित बाल मेलों का 12 जनवरी को भव्य समापन हुआ। 3 जनवरी से शुरू हुए इन शिविरों में विभिन्न रचनात्मक और ज्ञानवर्धक गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों, अभिभावकों और ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
शिविर के समापन अवसर पर आयोजित बाल मेले में बच्चों की रचनात्मकता को निखारने के लिए कार्यक्रम को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया—
- अपने परिवेश को जानें (Know Your Surroundings):
इस सत्र में बच्चों को उनके आसपास के पर्यावरण और प्रकृति के बारे में जानकारी दी गई। - रचनात्मक कौशल (Creative Minds):
इस भाग में बच्चों की रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए आर्ट एंड क्राफ्ट, चित्रकला प्रतियोगिता, और हस्त कौशल सत्र आयोजित किए गए। - शारीरिक गतिविधि और साक्षरता (Physical Movements & Literacy):
इस सत्र में शारीरिक व्यायाम, खेलकूद, खुला पुस्तकालय, बुक टॉक, और फ्लन (Foundational Literacy and Numeracy) गतिविधियाँ कराई गईं।
बाल मेले के दौरान बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता, क्विज कंपीटिशन, नाट्य रूपांतरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोक संस्कृति पर आधारित कई रोचक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। बच्चों को खुले पुस्तकालय में रोचक और ज्ञानवर्धक पुस्तकों का अध्ययन करने का भी अवसर मिला। इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को टीम वर्क, रचनात्मकता, और आत्मविश्वास बढ़ाने का अवसर मिला।
शिविर के दौरान ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए सफाई अभियान भी चलाया गया। बच्चों और युवाओं ने गांव की गलियों में साफ-सफाई कर लोगों को स्वच्छता के महत्व से अवगत कराया।
समापन समारोह में सभी प्रतिभागी बच्चों और अभिभावकों का तिलक लगाकर और बैच अलंकरण कर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों को रिफ्रेशमेंट और पुरस्कार वितरित कर सम्मानित किया गया। ग्रामीणों ने छुट्टियों में इस तरह के रचनात्मक कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इससे बच्चों के कौशल में सुधार हुआ है।
इस अवसर पर हिमोत्थान सोसाइटी के शैक्षिक प्रोजेक्ट एसोसिएट संदीप बिजलवान, ब्लॉक कॉर्डिनेटर दिनेश रमोला, स्कूल फैसिलिटेटर राजेश अग्रवाल, वीरेंद्र नौटियाल, मुकेश नौटियाल, शीला चौहान, संगीता रमोला और शिक्षा प्रेरक नीतू, स्वाति, अंजली, अंकिता, सुचिता, कोमल, शिवानी, सिमरन, प्राची, सीता, खुशबू, मीरा, बबीता आदि का विशेष योगदान रहा।