
- 5 जून से 31 जुलाई तक चलेगा विशेष वृक्षारोपण अभियान, छात्र-छात्राएं और शिक्षक बढ़ाएंगे पर्यावरण सुरक्षा में भागीदारी
- हर शिक्षक गोद लेंगे एक टीबी मरीज, गोष्ठियों के जरिए छात्रों को मिलेगा नशे के खिलाफ जागरूकता का संदेश
- प्रवेश प्रक्रिया से लेकर छात्र सेवाओं तक अब विवि को मिलेगी स्वतंत्रता, जल्द जारी होंगे शैक्षणिक कैलेंडर
देहरादून, 3 जून। राज्य के सभी राजकीय उच्च शिक्षण संस्थान अब पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाने जा रहे हैं। प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की जाएगी, जो 31 जुलाई तक संचालित होगा। इस अभियान के अंतर्गत शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं अपने-अपने संस्थानों, घरों या सार्वजनिक स्थलों पर पौधारोपण करेंगे।
इस संबंध में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभागार में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित कर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और उच्च शिक्षा निदेशक को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। डॉ. रावत ने बताया कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए अभियान से प्रेरित है, जिसकी नींव 5 जून 2024 को रखी गई थी।
🌿 पर्यावरण से जुड़ेगा जन-जागरूकता का संदेश
मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान न केवल हरित आवरण बढ़ाने का माध्यम बनेगा, बल्कि यह सामाजिक चेतना का प्रतीक भी होगा। इसके अंतर्गत छात्रों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी और हर पौधा मातृत्व का प्रतिनिधित्व करेगा।
🚭 टीबी मुक्त भारत और नशा मुक्ति की पहल
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को टीबी उन्मूलन अभियान एवं नशा मुक्ति मिशन से भी जोड़ा जाएगा। इस कड़ी में प्रत्येक शिक्षक व कर्मचारी एक-एक टीबी मरीज को गोद लेंगे, जिसकी सूची संबंधित जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से प्राप्त की जा सकेगी। साथ ही कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में गोष्ठियों एवं जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को नशे से दूर रहने का संदेश दिया जाएगा।
🖥️ अब विवि स्वयं चलाएंगे समर्थ पोर्टल
बैठक के दौरान मंत्री डॉ. रावत ने समर्थ पोर्टल के संचालन की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों को सौंपे जाने की घोषणा की। सचिव उच्च शिक्षा रणजीत सिन्हा ने आश्वस्त किया कि इस बाबत शीघ्र ही औपचारिक आदेश जारी किए जाएंगे। पोर्टल पर प्रवेश प्रक्रिया, पंजीकरण, व अन्य छात्र गतिविधियों का संचालन विश्वविद्यालयों द्वारा स्वतंत्र रूप से किया जाएगा। शासन केवल आपात स्थिति में हस्तक्षेप करेगा।
🏫 शैक्षणिक कैलेंडर और प्रवेशोत्सव अनिवार्य
सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में प्रवेशोत्सव, वार्षिकोत्सव तथा त्रैमासिक अभिभावक-शिक्षक बैठकें अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही खाली पड़े प्राचार्य पदों की भरती हेतु डीपीसी प्रक्रिया भी आगामी सप्ताह में आयोजित की जाएगी।
👥 बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद:
बैठक में सचिव उच्च शिक्षा रणजीत सिन्हा, कुलपति कुमाऊं विवि प्रो. डी.एस. रावत, श्रीदेव सुमन विवि प्रो. एन.के. जोशी, निदेशक प्रो. के.के. पाण्डेय, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव, उप सचिव ब्योमकेश दुबे, अनु सचिव दीपक कुमार, संयुक्त निदेशक प्रो. ए.एस. उनियाल, कुलसचिव डॉ. डी.एस. बिष्ट, डॉ. दीपक पाण्डेय, शैलेन्द्र कुमार समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे।