देहरादून I उत्तराखंड राज्य में 10 से 75 वर्ष के आयु वर्ग में राष्ट्रीय औसत से अधिक लोग शराबी हैं। प्रदेश में 18.8 फीसदी लोग शराब का सेवन करते हैं। इसके अलावा कोकीन, भांग, सिंथेटिक ड्रग और सूंघने वाले नशीले पदार्थों और इंजेक्शन के जरिये की नशा करने की प्रवृत्ति भी इस पर्वतीय राज्य में बढ़ रही है।
यह खुलासा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर के सैंपल सर्वे में हुआ है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की पहल पर कराए गए इस सर्वे में चिंता में डालने वाले खुलासे हुए हैं।
रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में भी नशा करने वालों की संख्या कई प्रदेशों से अधिक है। सैंपल सर्वे के मुताबिक, शराब का नशा करने वाले उत्तराखंड में 18.8 प्रतिशत हैं। जबकि पड़ोसी राज्य हिमाचल में यह औसत 8.9 प्रतिशत है।
रुझान चिंता में डालने वाले
रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में 4.2 प्रतिशत लोग शराब की लत के शिकार हैं, जबकि समान भौगोलिक और सामाजिक परिवेश वाले हिमाचल में ये आंकड़ा 1.7 प्रतिशत है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में हर तरह का नशा करने की प्रवृत्ति मिली है। हालांकि शराब का सेवन करने की तुलना में नशे के दूसरे माध्यम तुलनात्मक दृष्टि से कम हैं। लेकिन रुझान चिंता में डालने वाले अवश्य है।
मिसाल के तौर पर राज्य में 3.38 प्रतिशत लोग भांग का नशा करते हैं, जबकि यह नशा करने वालों का राष्ट्रीय औसत 2.83 प्रतिशत है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि उत्तराखंड 6216 लोग नशे के इंजेक्शन लेते हैं। हिमाचल में ऐसे लोगों की संख्या 4004 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे लगभग साढ़े आठ लाख लोगों में इंजेक्शन से नशा लेने की प्रवृत्ति पाई गई है।
मिसाल के तौर पर राज्य में 3.38 प्रतिशत लोग भांग का नशा करते हैं, जबकि यह नशा करने वालों का राष्ट्रीय औसत 2.83 प्रतिशत है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि उत्तराखंड 6216 लोग नशे के इंजेक्शन लेते हैं। हिमाचल में ऐसे लोगों की संख्या 4004 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे लगभग साढ़े आठ लाख लोगों में इंजेक्शन से नशा लेने की प्रवृत्ति पाई गई है।
नशे को लेकर हुए सर्वे के रुझान
नशे का प्रकार उत्तराखंड हिमाचल राष्ट्रीय औसत
शराब 18.8 8.9 14.6
कोकीन 0.02 0.04 0.10
भांग 3.38 3.18 2.83
सिंथेटिक ड्रग 2.58 5.66 2.06
सूंघने वाला नशा 1.00 3.38 0.70
नोट: आंकड़े प्रतिशत में
सोर्स: सर्वे, नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (एम्स) नई दिल्ली
केंद्र सरकार के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही विभाग एक्शन प्लान तैयार कर रहा है। कार्ययोजना तैयार कर ली गई है और जल्द ही इसे शासन को भेजा जाएगा।
– विनोद गिरी गोस्वामी, निदेशक, समाज कल्याण
शराब 18.8 8.9 14.6
कोकीन 0.02 0.04 0.10
भांग 3.38 3.18 2.83
सिंथेटिक ड्रग 2.58 5.66 2.06
सूंघने वाला नशा 1.00 3.38 0.70
नोट: आंकड़े प्रतिशत में
सोर्स: सर्वे, नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (एम्स) नई दिल्ली
केंद्र सरकार के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही विभाग एक्शन प्लान तैयार कर रहा है। कार्ययोजना तैयार कर ली गई है और जल्द ही इसे शासन को भेजा जाएगा।
– विनोद गिरी गोस्वामी, निदेशक, समाज कल्याण