थत्यूड़–अलमस सड़क पर बढ़ता खतरा: 40 साल पुरानी संकरी सड़क पर हर दिन दांव पर जिंदगी, ग्रामीणों में गहरा रोष
आठ किलोमीटर लंबा प्रमुख मार्ग वर्षों से चौड़ीकरण का इंतजार, दर्जनों हादसों के बाद भी अब तक नहीं हुई ठोस कार्रवाई

रिपोर्ट-मुकेश रावत
थत्यूड़। थत्यूड़–अलमस आठ किलोमीटर लंबा मोटर मार्ग आज भी अपनी संकरी हालत के कारण क्षेत्रवासियों की कठिन परीक्षा ले रहा है। बीते एक दशक में इस सड़क पर दर्जनों वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं, जिससे लोगों में गहरा आक्रोश है। यह मार्ग ब्लॉक मुख्यालय थत्यूड़ को जोड़ने वाली प्रमुख जीवनरेखा है, लेकिन वर्षों से उपेक्षा का शिकार बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार, इस सड़क का निर्माण लगभग करीब 40 वर्ष पहले किया गया था। उस दौर में वाहन संख्या बेहद कम थी, लेकिन आज वाहनों की तादाद कई गुना बढ़ चुकी है। संकरी सड़क के कारण दो वाहन एक साथ पास नहीं हो पाते, जिससे आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है और लोग भय के साए में सफर करने को मजबूर हैं।
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि—पूर्व ब्लॉक प्रमुख सीता रावत, जिला पंचायत सदस्य सविता देवी, ग्राम प्रधान सरस्वती रावत और कुलबीर रावत ने बताया कि ग्रामीण वर्षों से सड़क चौड़ीकरण की मांग कर रहे हैं। जिला प्रशासन से लेकर शासन स्तर तक कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
ग्रामीणों में यह नाराजगी भी है कि अलमस बैंड से आगे भवान–नगुण–उत्तरकाशी–देहरादून को जोड़ने वाली सड़क का वर्ष 2023-24 में चौड़ीकरण एवं सुदारीकरण कर दिया गया, लेकिन थत्यूड़ को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण 8 किलोमीटर हिस्से को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। इस उपेक्षा का खामियाजा कई परिवारों ने भुगता है—कई जानें हादसों में चली गईं और अनेक लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने स्वीकार किया कि यह मार्ग अत्यंत संकरा है और इसका चौड़ीकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विभाग को शासन के लिए प्रस्ताव भेजना चाहिए।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजेंद्र टम्टा ने भी स्पष्ट किया कि जैसे ही विधायक की ओर से प्रस्ताव प्राप्त होगा, विभाग तत्काल चौड़ीकरण का प्रस्ताव शासन को भेज देगा।
ग्रामीणों की उम्मीद अब इस बात पर टिकी है कि लंबे समय से लंबित यह मांग जल्द पूरी हो, ताकि जानलेवा हो चुकी इस सड़क पर राहत की सांस ली जा सके।



