थत्यूड़ रामलीला: हनुमान जन्म से बाली-सुग्रीव युद्ध तक, जीवंत मंचन ने मोहा दर्शकों का मन
रिपोर्ट– मुकेश रावत
थत्यूड़। विकासखंड मुख्यालय थत्यूड़ के रामलीला मैदान में चल रही 11 दिवसीय रामलीला के दौरान हनुमान जन्म, राम-शबरी भेंट और बाली-सुग्रीव युद्ध का अद्भुत मंचन किया गया। प्रत्येक दृश्य ने दर्शकों को पौराणिक कथाओं के जीवंत चित्रण में बांधकर रखा।
हनुमान जन्म की लीला में साधु वेशधारी हनुमान जी किष्किंधा पर्वत से राम और लक्ष्मण से परिचय पूछने आते हैं। जैसे ही उन्हें भगवान राम का परिचय मिलता है, वह भावुक होकर चरणों में दंडवत प्रणाम करते हैं। इस भावुक दृश्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हनुमान जी इसके बाद राम और लक्ष्मण को किष्किंधा पर्वत पर सुग्रीव से मिलवाते हैं, जहां राम-सुग्रीव मित्रता की नींव रखी जाती है।
इसके पूर्व का दृश्य शबरी की प्रेममयी भेंट पर केंद्रित रहा, जहां उन्होंने अपने मीठे बेर भगवान राम को खिलाए। शबरी की भक्ति और प्रेम ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। उनकी भक्ति और राम के प्रति समर्पण की यह लीला मंचन का भावुकतम हिस्सा रही।
रामलीला का अंतिम और सबसे रोमांचक दृश्य बाली और सुग्रीव के बीच हुए युद्ध का रहा। इस दृश्य में पात्रों के सजीव अभिनय ने पूरे मंच को जीवंत कर दिया। बाली-सुग्रीव युद्ध के दौरान दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट से मंच की प्रशंसा करते रहे। इस मंचन ने न केवल पौराणिक महत्ता को सामने रखा, बल्कि अद्भुत अभिनय और सजीव प्रस्तुति के माध्यम से दर्शकों को एक ऐतिहासिक अनुभव भी प्रदान किया।
इस अवसर पर भाजपा के पूर्व मंडल उपाध्यक्ष वीरेंद्र चंदेल, सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद नेगी, धनोल्टी जौनपुर प्रेस क्लब के महासचिव मुकेश रावत, कोषाध्यक्ष दिनेश रावत, रामलीला समिति अध्यक्ष गजेंद्र असवाल, सचिव सुनील सजवान, दिनेश रावत, देवेंद्र रांगड़ , आदित्य कोहली, लक्ष्मण व मुनीम प्रधान सहित क्षेत्र के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।