शिक्षा विभाग सख्त: स्कूलों से नदारद शिक्षकों पर होगी कार्रवाई, बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर लगेगा अंकुश

देहरादून, 28 जनवरी। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों से लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे शिक्षकों पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करते हुए बर्खास्तगी के निर्देश दिए हैं। साथ ही, 10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन और पारदर्शी बनाने के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सोमवार को अपने शासकीय आवास पर विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है, लेकिन कुछ शिक्षक अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। ऐसे शिक्षकों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
बोर्ड परीक्षाओं में विशेष सतर्कता
डॉ. रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बोर्ड परीक्षाओं में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किए जाएं। उन्होंने संवेदनशील और अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर विशेष सतर्कता बरतने और निगरानी के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने के आदेश दिए।
नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी के आदेश
बैठक में सीआरपी-बीआरपी और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी पर भी मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि नियुक्तियां समय पर न होने से छात्रों की पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने और प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
शिक्षा मंत्री ने पीएम-श्री विद्यालयों के निर्माण कार्य, शिक्षकों के अंतरमंडलीय स्थानांतरण और कलस्टर स्कूलों की परियोजनाओं को भी तेजी से पूरा करने को कहा।
बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान, एससीईआरटी निदेशक वंदना गर्ब्याल, प्राथमिक शिक्षा निदेशक आर.के. उनियाल, माध्यमिक शिक्षा के प्रभारी निदेशक एस.बी. जोशी, अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती, समग्र शिक्षा के एपीडी कुलदीप गैरोला समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया।
शिक्षा विभाग का यह कदम स्कूलों में अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।