
थत्यूड़। धनोल्टी तहसील के अंतर्गत जौनपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत क्यारी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालु भक्तिमय वातावरण में डूबकर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का आनंद ले रहे हैं। कथा प्रवचन के छठे दिन आचार्य रविंद्र दत्त लेखवार ने रुक्मिणी मंगल और महारास जैसे दिव्य प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया।
कथा वाचन के दौरान आचार्य रविंद्र दत्त लेखवार ने बताया कि भगवान जब-जब पृथ्वी पर अवतरित होते हैं, तब-तब वे धर्म की स्थापना और भक्तों के उद्धार के लिए कार्य करते हैं। उन्होंने श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र का उल्लेख करते हुए कहा कि “विप्र, धेनु, सुर, संत हित लीन मनुज अवतार” श्लोक यही संदेश देता है कि भगवान सदैव ब्राह्मणों, गायों, देवताओं और संतजनों की रक्षा के लिए पृथ्वी पर आते हैं।
कथा के दौरान महारास प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन करते हुए व्यासपीठ से आचार्य ने कहा कि महारास केवल नृत्य नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के दिव्य मिलन की अनुभूति है। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों संग महारास करके यह संदेश दिया कि जब जीव पूर्ण समर्पण भाव से प्रभु की शरण में आता है, तब वह ईश्वर की अनंत कृपा का पात्र बनता है।
कथा स्थल पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालु श्रीमद्भागवत कथा के प्रत्येक प्रसंग को मनोयोग से सुन रहे हैं और भजन-कीर्तन में भाव-विभोर होकर शामिल हो रहे हैं। आयोजन समिति के सत्ये सिंह रांगड़, चैतराम रांगड़, नरेश, अरविंद और जसवीर सिंह रांगड़ सहित कई श्रद्धालु कथा को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
कथा का समापन आगामी दिनों में भव्य हवन और महाप्रसाद के साथ किया जाएगा।