धामी सरकार की बड़ी पहल: खाद्य तेल के री-यूज़ पर सख्त निगरानी
स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश कुमार के नेतृत्व में ‘RUCO मिशन’ नई ऊंचाई पर

देहरादून, 06 दिसंबर 2025। स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उत्तराखंड सरकार ने इस्तेमाल किए गए खाद्य तेल के पुनः उपयोग पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त FDA डॉ. आर. राजेश कुमार के नेतृत्व में RUCO (Repurpose Used Cooking Oil) मिशन प्रदेश में नई ऊंचाइयां छू रहा है। बदलती जीवनशैली और बाहर के खाने की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए सरकार ने खाद्य तेल की गुणवत्ता पर सख्ती बढ़ा दी है।
खाद्य तेल का दोबारा उपयोग—स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा
बाजार में बने भोजन पर निर्भरता बढ़ने के साथ ही होटल, रेस्टोरेंट व ढाबों में एक बार उपयोग हो चुके तेल को दोबारा गर्म कर परोसने की प्रवृत्ति आम हो चली है।
विशेषज्ञों के अनुसार बार-बार गर्म किए गए तेल में एल्डिहाइड्स और जहरीले रसायन बनते हैं, जो हृदय रोग, उच्च ट्रांस फैट, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
ORF की 2022 रिपोर्ट बताती है कि शहरी भारत में करीब 60% तेल दोबारा खाद्य श्रृंखला में लौट आता है, जो कि एक स्वास्थ्य संकट की चेतावनी है।
RUCO मिशन क्यों ज़रूरी?
FSSAI ने वर्ष 2018 में RUCO मिशन की शुरुआत इसी खतरे को रोकने के लिए की थी। इसका उद्देश्य इस्तेमाल किए गए तेल को खाद्य श्रृंखला में वापस जाने से रोककर इसे बायोडीज़ल जैसे सुरक्षित उपयोगों में बदलना है।
अपर आयुक्त FDA ताजबर सिंह जग्गी के अनुसार,
तेल को दोबारा गर्म करने पर बनने वाले जहरीले तत्व शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इसीलिए राष्ट्रीय बायोफ्यूल नीति 2018 के तहत इस्तेमाल किए गए तेल को बायोडीज़ल में बदलने को प्रोत्साहित किया गया है, और RUCO योजना इसी दिशा में बड़ा कदम है।
उत्तराखंड बना मॉडल राज्य, पांच साल में अभूतपूर्व सफलता
मुख्यमंत्री धामी के निर्देशन में उत्तराखंड ने RUCO मिशन को मिशन मोड में लागू किया।
जहां 2019 में सिर्फ 600 लीटर इस्तेमाल किया गया तेल एकत्र हुआ था, वहीं पांच वर्षों में यह आंकड़ा 1,06,414 किलो तक पहुंच गया—यह उत्तराखंड की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
- होटल–रेस्टोरेंट संचालकों, छात्रों, स्वयंसेवी संगठनों के साथ व्यापक अभियान
- कैफे टॉक्स, कार्यशालाएं, मीडिया संवाद
- भोजन की गुणवत्ता को लेकर आम जनता में बढ़ी जागरूकता
2025 की चारधाम यात्रा भी RUCO थीम पर आयोजित की गई, जिसमें
1,200 किलो इस्तेमाल किया गया तेल इकट्ठा कर इसे बायोफ्यूल में बदला गया।
दून मॉडल—राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया प्रयास
FSSAI के CEO ने भी उत्तराखंड के “दून मॉडल” की सराहना की है। अब FDA इसे गढ़वाल व कुमाऊँ क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से लागू करने जा रहा है।
इस मॉडल का लक्ष्य—
✔ खाद्य सुरक्षा
✔ स्वच्छता
✔ इस्तेमाल किए गए तेल का वैज्ञानिक पुनर्चक्रण
इस मिशन को आगे बढ़ाने में उप आयुक्त व नोडल अधिकारी गणेश कंडवाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान
“जनता के स्वास्थ्य से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं। इस्तेमाल किए गए तेल का दोबारा उपयोग रोकने का अभियान केवल नियमों तक सीमित नहीं, बल्कि यह नागरिकों की सेहत की सुरक्षा का संकल्प है। उत्तराखंड ने RUCO को सामाजिक जागरूकता की मुहिम में बदलकर देश के सामने नया मानक स्थापित किया है। हम इसे और व्यापक रूप से आगे बढ़ाएंगे।”
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त FDA डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान
मुख्यमंत्री धामी के मार्गदर्शन में RUCO मिशन को राज्य में तेज गति से लागू किया गया है। हमारा लक्ष्य है कि एक बार इस्तेमाल होने वाला तेल किसी भी हालत में खाद्य श्रृंखला में वापस न जाए।
फूड बिजनेस ऑपरेटरों, ढाबों, होटलों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और जनता भी अब जागरूक हो रही है। अगले चरण में हम तकनीकी निगरानी और बायोफ्यूल निर्माण क्षमता को और मजबूत करेंगे। यह स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।



