उत्तराखंड

विभागों द्वारा माह दिसम्बर तक बजट का 80 प्रतिशत तक खर्च किया जाए- मुख्यमंत्री

  • बजट खर्च की नियमित मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल सिस्टम लागू किया जाए।
  • राज्य की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजना पर कार्य किया जाए।
  • पिछले तीन वर्षों से राज्य की जीएसडीपी वृद्धि दर लगातार 13 प्रतिशत से अधिक रही।

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के समावेशी विकास के लिए वित्तीय संसाधनों के सृजन और बजट के समयबद्ध व्यय को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। शनिवार को सचिवालय में वित्त विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों को दिसम्बर तक अपने बजट का 80 प्रतिशत खर्च सुनिश्चित करना होगा। सचिव अपने स्तर पर बजट प्राप्ति और व्यय की नियमित समीक्षा करें। मुख्य सचिव प्रत्येक माह और मुख्यमंत्री स्वयं प्रत्येक तीन माह में इसकी समीक्षा करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट व्यय की नियमित मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल सिस्टम लागू किया जाए। साथ ही, जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने हेतु ठोस रणनीति तैयार कर प्रभावी कार्यवाही की जाए। उन्होंने राज्य के राजस्व संसाधनों को मजबूत करने के लिए केंद्र पोषित योजनाओं, विशेषकर 90:10 और 70:30 अनुपात वाली योजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने कहा कि नियोजन एवं वित्त विभाग अन्य विभागों के साथ लगातार समन्वय बैठकें करें ताकि बजट का समयबद्ध और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री ने राज्य की आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य करने को कहा। विशेषकर राज्य की स्वर्ण जयंती वर्ष 2050 तक एक मजबूत अर्थव्यवस्था का लक्ष्य तय कर उस दिशा में सुनियोजित कार्ययोजना बनाने पर बल दिया।

नवाचार और एआई पर रहेगा विशेष फोकस
मुख्यमंत्री ने नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए राज्य को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनाना होगा, बल्कि मानव संसाधन विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेलों में भी बड़े पैमाने पर निवेश करना होगा।

सब्सिडी व्यवस्था में पारदर्शिता जरूरी
मुख्यमंत्री ने सब्सिडी के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का विश्लेषण करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सब्सिडी का लाभ केवल पात्र व्यक्तियों तक ही सीमित रहे।

राजस्व के प्रमुख स्रोतों की नियमित समीक्षा के निर्देश
राज्य कर, वन, ऊर्जा और जल कर जैसे प्रमुख राजस्व स्रोतों की नियमित समीक्षा कर बजट लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने को कहा गया। जल जीवन मिशन और अटल आयुष्मान योजना के बेहतर संचालन हेतु इनके प्रभावों का भी विश्लेषण करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने बाजार से उधारी कम करने और अवस्थापना विकास (इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट) पर अधिक ध्यान देने की बात भी कही।

तीन वर्षों में 13 प्रतिशत से अधिक रही राज्य की जीएसडीपी वृद्धि दर
बैठक में बताया गया कि विगत तीन वर्षों में राज्य की जीएसडीपी वृद्धि दर लगातार 13 प्रतिशत से अधिक रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में खनन राजस्व में लगभग 400 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है और पूंजीगत व्यय में 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यय किया गया है। वर्ष 2024-25 में बजट के सापेक्ष अब तक 90 प्रतिशत व्यय हो चुका है।

बैठक में उत्तराखंड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बागेली, दिलीप जावलकर, अपर सचिव हिमांशु खुराना और मनमोहन मैनाली समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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