- बीते एक सप्ताह से चार हजार से अधिक पर्यटकों ने लिया बोटिंग और जलक्रीड़ा का लुत्फ
मार्च माह में ही गर्मी की बढ़ती तपिश को देखते हुए उत्तरखंड समेत दूर-दराज के पर्यटक टिहरी बांध की झील में जल और साहसिक क्रीड़ा का लुत्फ उठाने को बड़ी संख्या में पहुंचना शुरू हो गए हैं। बीते एक सप्ताह में टिहरी में 4 हजार से अधिक पर्यटकों ने बोटिंग और अन्य साहसिक गतिविधियां में हिस्सा लिया है। कोरोना काल के बाद बोटिंग के लिए पर्यटकों की आमद बढ़ने से संचालकों में भी खासा उत्साह है। जिस तरह से इस साल गर्मी पड़ने की संभावना है उससे टिहरी झील में आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होना तय है।
जल और साहसिक क्रीड़ा के लिए टिहरी बांध की झील बीते एक दशक में सबसे मुफीद पर्यटक स्थल बनकर उभरा है। लेकिन बीते ढाई साल में कोरोना संक्रमण के कारण टिहरी झील मे पर्यटन भी ब्रेक लगा है। बावजूद इसके पिछले कुछ माह से टिहरी झील में पर्यटकों की आमद बढ़ी। जिससे आर्थिक तंगी से गुजर रहे बोट संचालकों को राहत मिली है। श्री गंगा भागीरथी बोट संचालन समिति के संरक्षक कुलदीप पंवार, अध्यक्ष नरेंद्र रावत, पूर्व अध्यक्ष लखवीर चौहान, जितेंद्र नेगी का कहना है कि वर्तमान में टिहरी बांध की झील की पर्यटकों में सबसे ज्यादा डिमांड है। मसूरी और धनोल्टी सैर-सपाटे के लिए पहुंचे अधिकांश पर्यटक टिहरी झील आ रहे हैं। कुलदीप पंवार का कहना है कि टिहरी झील के अलावा लेक व्यू रिजॉर्ट क्षेत्र में स्थानीय व्यंजनों और मालू के पत्तलों में खाना परोसने के चलते पर्यटक यहां का रूख कर रहे हैं। वहीं तिवाड़ गांव में बने होम स्टे भी पर्यटकों की पसंद बने हुए हैं। उनका कहना है कि ऑल वेदर रोड़ बनने से पर्यटक आसानी से दिल्ली, एनसीआर, यूपी, हरियाणा, पंजाब से टिहरी झील पहुंच रहे हैं। उत्तरी क्षेत्र में बोटिंग से न्यूनतम दाम होने के कारण भी आम पर्यटक बोटिंग और अन्य साहसिक खेल गतिविधियों के लिए टिहरी झील का रूख कर रहे हैं। बताया कि गत दिवस जहां 1350 पर्यटकों ने झील में बोटिंग की, वहीं रविवार को छुट्टी के दिन भी 800 से अधिक पर्यटकों ने बोटिंग और जल क्रीड़ा की गतिविधियों में शामिल हुए। बोट संचालकों ने टिहरी झील विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण (टाडा) और जिला प्रशासन से कोटी कालोनी और झील परिक्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है।