स्वास्थ्य

बड़ी खबर : नकली दवाओं के कारोबार पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन की बड़ी कार्रवाई

  • दिसम्बर 2023 से मार्च 2024 तक अन्य राज्यों की दवाईयों के लिए गए 281 में से 47 सैंपल फेल
  • ड्रग विभाग ने किए 04 लाइसेंस निरस्त, 14 निलम्बित और दवाईयों के 63 अनुमोदन निरस्त

देहरादून। उत्तराखंड में नकली दवाईयों के कारोबारियों के खिलाफ खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का अभियान लगातार जारी है। चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विभाग द्वारा गहन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। यात्रा मार्गों के साथ ही पर्यटन स्थलों में स्थित मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी के साथ ही दवा कंपनियों का भी औचक निरीक्षण किया जा रहा है। आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग डॉ. आर. राजेश कुमार पूरे अभियान की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं।

नकली दवाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि नकली दवा माफियों के खिलाफ विभाग का अभियान लगातार जारी है। रूड़की और उधमसिंहनगर में नकली दवा के ज्यादा मामले सामने आए हैं। पिछले तीन साल में 72 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं और 32 लोगों को जेल भेजा गया है। कुल बेस्ड निरीक्षण के मामले 71, कुल निलंबित निर्माण लाइसेंस 14, कुल निरस्त निर्माण लाइसेंस 04, कुल निरस्त औषधियों के अनुमोदन 63 के साथ ही निर्माण इकाईयों के सामान्य निरीक्षण 223 किए गए हैं। दिसंबर 2023 से मार्च 2024 तक राज्य में बेची जा रही औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 281 सैंपल लिए गए जिनमें से 47 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। ये सभी अन्य राज्यों में बनी दवाइयों के थे।

राज्य की सीमाओं पर सख्त निगरानी

ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि दवा निर्माताओं के साथ ही दवाइयों के थोक और फुटकर विक्रेताओं पर भी कार्रवाई की जा रही है। विभाग, दवाइयों पर अनावश्यक छूट देने वाले रिटेलरों पर निगरानी रख रहा है। राज्य में समस्त रिटेल शॉप पर कैमरे लगाने अनिवार्य कर दिए गए हैं। राज्य की सीमा एवं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर भी विभाग द्वारा दवाइयों की आपूर्ति पर निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों की कमी के बावजूद सप्लाई चेन की निगरानी और नियंत्रण में विभाग प्रयासरत है।

देहरादून लैब में दवाओं की जांच

ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि दवाओं और कास्मेटिक उत्पादों की जांच रुद्रपुर के अलावा देहरादून में भी की जा रही है। यहां अत्याधुनिक मशीनों से युक्त लैब है। यहां जांच के साथ ऑनलाइन सर्टिफिकेशन की सुविधा भी है। यात्रा मार्ग पर स्वच्छता और दवाओं की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। जांच के लिए एक मोबाइल लैब भी बनाई गई है। चारधाम यात्रा मार्ग से एकत्रित किए गए सैंपल की जांच प्राथमिकता से रुद्रपुर लैब में की जा रही है।

फूड लाइसेंस पर मल्टीविटामिन का उत्पादन

अपर खाद्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि कई दवा कंपनियों में फूड लाइसेंस पर मल्टीविटामिन बनाए जा रहे थे। सैंपल की जांच में मल्टीविटामिन में दवाओं के सॉल्ट पाए जाने पर इनके विरुद्ध कार्रवाई की गई और कंपनी को सील कर दिया गया।

नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं का स्टॉक तय

राज्य सरकार ने नशे के रूप में उपयोग में लाई जाने वाली नारकोटिक और साइकोट्रॉपिक दवाओं का स्टॉक पहले ही तय कर रखा है। अब मेडिकल स्टोर और सप्लायर इन दवाओं की बिक्री मनमाने ढंग से नहीं कर पाएंगे। यदि कोई स्टॉक तय सीमा से अधिक पाया गया तो लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही अन्य कार्रवाई भी की जाएगी।

फलों की भी होगी जांच

अपर खाद्य आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि फलों को लेकर कैल्शियम कार्बाइड के प्रयोग, मिलावट और इंजेक्शन लगाने की शिकायतें मिल रही हैं। इसके मद्देनजर खाद्य निरीक्षकों को पूरे यात्रा मार्ग पर फलों में मिलावट की जांच के आदेश दिए गए हैं। 31 मई से यात्रा मार्ग पर गहन छापेमारी अभियान चलाया जाएगा और फलों की जांच की जाएगी।

विकासनगर में पनीर के सैंपल फेल

खाद्य और औषधि प्रशासन ने हाल में विकासनगर के धर्मावाला में एक पनीर विक्रेता के यहां से पनीर के सैंपल लिए थे। लैब से मिली रिपोर्ट के मुताबिक पनीर में मिलावट पाई गई है। उक्त पनीर संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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