उत्तराखंड

सुरकंडा मंदिर में बड़ा बदलाव! अब नहीं दिखेगा प्लास्टिक, जानें नई योजना

नई टिहरी। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के कुशल नेतृत्व में सुरकंडा मंदिर क्षेत्र के विकास, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में मंदिर समिति, प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा कर जिलाधिकारी ने कई अहम निर्णय लिए।

बैठक में मंदिर समिति द्वारा देवदार के वृक्षों की मांग रखी गई, जिस पर DM मयूर दीक्षित ने प्रभागीय वनाधिकारी नरेंद्रनगर को निर्देश दिए कि मंदिर क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में देवदार के पौधे उपलब्ध कराए जाएं, जिससे यहां की हरियाली बनी रहे और श्रद्धालु शुद्ध वातावरण में दर्शन कर सकें।

स्वच्छता को मिली प्राथमिकता
जिलाधिकारी ने सुरकंडा मंदिर और धनोल्टी क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिए। उन्होंने खंड विकास अधिकारी जौनपुर को नियमित कूड़ा उठाने के निर्देश दिए, जबकि एसडीएम धनोल्टी को इस पूरे अभियान की निगरानी सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही, सुरकंडा मंदिर मार्ग और धनोल्टी में डस्टबिन लगाने के आदेश दिए गए ताकि श्रद्धालु और पर्यटक साफ-सुथरे माहौल का अनुभव कर सकें।

प्लास्टिक मुक्त सुरकंडा मंदिर
DM मयूर दीक्षित ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में प्लास्टिक बैग प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया। उन्होंने पीडी डीआरडीए को निर्देश दिए कि स्वयं सहायता समूह से एक हजार कपड़े के बैग तैयार कराए जाएं और इन्हें स्थानीय दुकानदारों व श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाए। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।

पर्यावरण संरक्षण पर जोर
जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारियों को मंदिर क्षेत्र में हर्बल और औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक जैव-विविधता का केंद्र भी बन सकता है, जिससे भविष्य में श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा।

DM की पहल से आएगा बदलाव
बैठक में मंदिर समिति और स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की इस दूरदर्शी सोच की सराहना की। समिति के सदस्यों ने कहा कि DM के नेतृत्व में सुरकंडा मंदिर क्षेत्र पहले से अधिक स्वच्छ, सुंदर और पर्यावरण के अनुकूल बनेगा।

बैठक में पीडी डीआरडीए पुष्पेश चौहान, डीडीओ मौ. असलम, एसडीएम धनोल्टी मंजू राजपूत, खंड विकास अधिकारी थत्यूड़, प्रधान धनोल्टी नीरज वेलवाल, मंदिर समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, रघुभाई जड़धारी, ईको पार्क के सचिव मनोज उनियाल सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की इस पहल से सुरकंडा मंदिर और धनोल्टी क्षेत्र का स्वरूप बदलने की उम्मीद है। प्रशासन और मंदिर समिति के सहयोग से यह क्षेत्र जल्द ही एक आदर्श धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा।

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