उत्तराखंड

जौनपुर ब्लॉक के कई गांवों में भालू–गुलदार की दहशत, ग्रामीणों में बढ़ी बेचैनी

ग्रामीण प्रतिनिधियों ने वन विभाग से गश्त बढ़ाने और स्कूल क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा की मांग की

रिपोर्ट—मुकेश रावत 

थत्यूड़। जौनपुर विकासखंड क्षेत्र के कई गांव इन दिनों भालू और गुलदार की लगातार बढ़ रही आवाजाही से दहशत में हैं। जंगल से सटे गांवों में सुबह-शाम जंगली जानवरों की हलचल बढ़ने से ग्रामीण पूरी तरह सतर्क रहते हुए घरों से बाहर निकल रहे हैं। क्षेत्र में वन्यजीवों के बढ़ते खतरे ने लोगों की चिंताएं और अधिक गहरा दी हैं।

कई गांवों में भालू–गुलदार देखे जाने से जनजीवन प्रभावित

पट्टी पालीगाड, दशज्यूला, छैज्यूला पट्टी समेत दर्जनों गांवों में बीते दिनों भालू और गुलदार के देखे जाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
ओंतड़ गांव की सड़क से सटे घने जंगल में, खेड़ा गांव के थौलदार के समीप जंगल क्षेत्र में, चयाणा, जालसी, सट्टागाड, मजेपुर और मैड गांवों में भी ग्रामीणों ने इन जंगली जानवरों की मौजूदगी देखी है।

ग्रामीणों के अनुसार, शाम होते ही भालू और गुलदार की गतिविधियां और बढ़ जाती हैं, जिससे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों का बाहर निकलना बेहद कठिन हो गया है।

ग्रामीण प्रतिनिधियों ने जताई गंभीर चिंता, कहा– सुरक्षा को बढ़ाए विभाग

स्थानीय जनप्रतिनिधियों सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ अध्यक्ष खेमराज भट्ट, ग्राम प्रधान खेड़ा कुलबीर रावत, ग्राम प्रधान अलमस सरदार सिंह पुंडीर, ब्रह्मसारी प्रधान सरस्वती रावत ने वन विभाग से मांग की है कि प्रभावित क्षेत्रों में रात-दिन पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए, और जहां स्कूलों के बच्चे आते-जाते हैं वहां विशेष गश्त व अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध किए जाएँ।

जनप्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि विभाग द्वारा समय पर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो किसी अप्रिय घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

वन विभाग ने टीमों को किया सक्रिय, संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ी निगरानी

वन क्षेत्राधिकारी लतिका उनियाल ने बताया कि विभाग स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों से मिली शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए वन कर्मियों को लगातार गश्त के लिए भेजा जा रहा है। साथ ही, स्कूलों की छुट्टी के समय कर्मचारियों को विशेष रूप से प्रभावित गांवों में तैनात किया जा रहा है ताकि बच्चों और ग्रामीणों की सुरक्षा बनी रहे। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि किसी भी जंगली जानवर के दिखने पर तुरंत विभाग को सूचना दें और स्वयं खतरा मोल न लें।

ग्रामीणों में भय का माहौल, रात में बाहर निकलने से परहेज

गुलदार और भालू की गतिविधि बढ़ने से कई गांवों में लोग संध्या के बाद बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं।
कई स्थानों पर पशुधन पर हमले की आशंका से पशुपालक भी चिंतित हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक विभाग कड़े प्रबंधन नहीं करता, तब तक स्थिति में सुधार की उम्मीद कम है।

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