
थत्यूड़ (टिहरी)। टिहरी जनपद के जौनपुर विकासखंड मुख्यालय थत्यूड़ के अंतर्गत आदर्श रामलीला समिति बंगसील–देवलसारी में चल रही ऐतिहासिक रामलीला में शुक्रवार रात्रि का मंचन भावनाओं से परिपूर्ण रहा। इस दौरान लक्ष्मण शक्ति प्रसंग का ऐसा सजीव मंचन किया गया कि पूरा मैदान “जय श्रीराम” के जयकारों से गूंज उठा।
लक्ष्मण–मेघनाथ युद्ध का जीवंत मंचन
रामलीला के 13वें दिन मंच पर लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच हुए भीषण युद्ध का दृश्य प्रस्तुत किया गया। युद्ध के दौरान मेघनाथ द्वारा छोड़े गए शक्तिबाण से लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। यह दृश्य इतना प्रभावशाली और हृदयस्पर्शी था कि दर्शकों की आंखें नम हो उठीं।
रामदल में शोक का माहौल छा गया, लेकिन जैसे ही हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर लौटे और लक्ष्मण को जीवनदान मिला, पूरा मैदान “जय हनुमान”, “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा।
कलाकारों ने लूटी दर्शकों की वाहवाही
लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे विमल नौटियाल और मेघनाथ का किरदार निभाने वाले हरीलाल ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया। कलाकारों की संवाद अदायगी, चौपाइयों का सजीव पाठ और मंच सज्जा ने रामलीला को भव्य रूप प्रदान किया। दर्शकों ने कहा कि इस वर्ष की रामलीला अभिनय और प्रस्तुति दोनों दृष्टि से यादगार बन गई है।
गणमान्य अतिथियों की रही विशेष उपस्थिति
कार्यक्रम में क्षेत्र के अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद रहे, जिनमें प्रधान सरदार सिंह पंवार, रघुवीर पंवार, प्रेस क्लब के महासचिव एवं दैनिक भास्कर के पत्रकार मुकेश रावत, अमर उजाला के पत्रकार दिनेश रावत, पूर्व प्रधान भगत सिंह रावत, रामलीला समिति के अध्यक्ष विजेंद्र पंवार, सचिव महावीर राणा, कोषाध्यक्ष महिपाल राणा, जगत सिंह राणा, निर्देशक कमल किशोर नौटियाल, संगीतकार शांति प्रसाद चमोली, वीरेंद्र दत्त नौटियाल, तथा रामलीला लाइव प्रसारण ऑपरेटर महिपाल पंवार और रोहित पंवार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
हर वर्ष बढ़ रहा उत्साह
आयोजक समिति के अध्यक्ष विजेंद्र पंवार ने बताया कि रामलीला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा की जीवंत झलक है। हर वर्ष क्षेत्रवासियों की भागीदारी और उत्साह में वृद्धि हो रही है, जो हमारे समाज की एकता और आस्था का प्रतीक है।



