पलायन रोकने के लिए गांव में आजीविका संवर्द्धन के लिए करें कार्यः पैन्यूली
कोरोना के कारण गांव में आर्थिक गतिविधियां कम होने से दिक्कतें बढ़ी
नई टिहरी। पलायन आयोग के सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली ने रेखीय विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि कोरोना के कारण गांव में आर्थिक गतिविधियां कम हो गई जिससे लोग आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस अवसाद को अवसर में बदलने के लिए कार्य करें। कहा कि पलायन रोकने के लिए गांव में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था को बेहतर करना ही होगा। कहा कि अधिकारी अपने कार्य को बोझ न समझें। बल्कि जितना हो सके जन समस्याएं हल करने का प्रयास करें। कहा कि सरकार की योजनाओं का ग्रामीणों को लाभ दें।
सोमवार को विकास भवन में आयोजित बैठक में पलायन आयोग के सदस्य पैन्यूली कहा कि देश की अधिकतम आबादी गांव में बसती है। गांव से हो रहे पलायन का कारण और पलायन रोकने के लिए नीति व सुझाव देने के लिए सरकार ने आयोग का गठन किया है। कहा कि कोरोना के कारण प्रवासी लोग गांव लौटे हैं। उनकी रोजी-रोटी चली गई है। कहा कि प्रवासियों को अगर अनुकूल वातावरण नहीं मिला तो वह फिर से रोजी-रोटी के लिए पलायन को मजबूर हो जाएगें। यदि रोजगार व स्वरोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था सरकार की है तो क्रियान्वयन करना प्रशासन का कार्य है। कहा गांव का कोई भी किसान, गरीब, मजदूर जब सरकारी कार्यालय में आए तो अधिकारी उनसे संवेदनशील व्यवहार रखें। उन्होंने मनरेगा, आजीविका संवर्द्धन, रोजगार सृजन सहित विभिन्न योजनाओं पर विभागवार चर्चा की। इस मौके पर पीडी डीआरडीए आनंद सिंह भाकुनी, डीडीओ सुनील कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी, सीवीओ डा. पीएस रावत, डीएचओ डीके तिवारी, युवा कल्याण अधिकारी मुकेश चंद्र डिमरी, साहसिक खेल अधिकारी सोबत राणा, तेजराम सेमवाल मौजूद रहे।