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महिलाओं पर होने वाले अपराधों में किसी भी तरह की कौतवाही न बरती जाय : कण्डवाल

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  • महिला हिंसा व उत्पीड़न एवं महिलाओं से संबंधित योजनाओं पर चर्चा
  • शौचालय एवं स्कूलों में नियमित कांउसिलिंग व्यवस्था पर विशेष जोर देने की कही बात 
  • कौशल विकास जैसी अन्य योजनाओं से महिलाओं को जोड़ा जाय : कण्डवाल

अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग कुसुम कण्डवाल ने आज विकास भवन सभागार टिहरी गढ़वाल में महिलाओं के विरूद्ध समाज मंे आये दिन होने वाली हिंसा व उत्पीड़न की रोकथाम के संबंध मंे समस्त संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक ली। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि महिलाओं पर होने वाले अपराधों में किसी भी तरह की कौतवाही न बरती जाय। बैठक मंे महिला हिंसा व उत्पीड़न एवं महिलाओं से संबंधित योजनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं का कहीं भी किसी भी स्तर पर शोषण न हो, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उन्हें मिले, इसका ध्यान रखा जाये। उन्होंने स्कूलांे में बालिकाओं के लिए पृथक शौचालय एवं स्कूलों में नियमित कांउसिलिंग व्यवस्था पर विशेष जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाओं की शिकायतों को ध्यान से सुना जाये और उनके साथ उचित व्यवहार किया जाय। उन्होंने कहा कि महिलाएं घर, परिवार एवं समाज की रीढ़ होती हैं, हम केवल उनके उत्पीड़न तक ही सीमित न रहकर उनके लिए क्या-क्या कर सकते हैं, सबको अपनी जिम्मेदारियों को समझकर मिलकर कार्य करना होगा। कहा कि कौशल विकास जैसी अन्य योजनाओं से महिलाओं को जोड़ा जाय। बाल संरक्षण समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि स्कूलों मंे औचक निरीक्षण कर नियमित मॉनिटरिंग की जाये, बच्चों की कांउसिलिंग की जाय। कहा कि झुग्गी झोपड़ी एवं सड़कों पर घूमने वाले बच्चों की मॉनिटरिंग/चिन्ह्ति कर प्रेरणा देकर उन्हें शिक्षित करने की व्यवस्था करें। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि इस संबंध में शासन स्तर से या राज्य महिला आयोग स्तर से कोई कार्य होना हो या आपके कोई सुझाव या दिक्कत हो, उसकी बिन्दुवार सूचना उपलब्ध करायें।

जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार ने मनरेगा एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं की भागीदारी एवं योजनाओं के संबंध में जानकारी दी। बाल विकास अधिकारी बबीता शाह ने बताया कि गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को टेक होम राशन प्रत्येक माह की 05 तारीख को उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने केन्द्र प्रशासक वन स्टॉप संेटर बाल विकास रश्मि बिष्ट ने वन स्टॉप सेंटर के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वन स्टॉप सेंटर का उद्देश्य एक छत के नीचे किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं के साथ होने वाली हिंसाओं से प्रभावित महिलाओं/बालिकाओं को निःशुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि सितम्बर 2019 से 28 अपै्रल 2022 तक वन स्टॉप सेंटर में 148 केस पंजीकृत, 127 निस्तारित, 21 गतिमान तथा 17 आश्रय के केस है। बताया कि घरेलू हिंसा वादों में अन्तिरिम भरण पोषण, पॉक्सो के केसों में पीड़िताओं को प्रतिकर भी दिया जा रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता बीना सजवाण ने सुझाव दिया कि वन स्टॉप सेंटर मंे ऐसे पीड़ितांे के लिए अलग से मनोचिकित्सक की व्यवस्था हो, वकालतनामे की जरूरत न हो। इस मौके पर निर्भया प्रकोष्ठ, स्पर्श सैनेट्री नैपकिन योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना, वात्सलय योजना, नंदा गौरा योजना के साथ ही शिक्षा, कृषि, उद्योग, जिला पंचायत राज, समाज कल्याण, सेवायोजन, स्वास्थ्य आदि विभागों में संचालित योजनाओं पर चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। आय प्रमाण को लेकर आ रही दिक्कतों से कई योजनाओं का लाभ न मिल पाने के कारण मानकों में संशोधन करने के सुझाव भी दिये गये। नई शिक्षा नीति

बैठक में एसडीएम टिहरी अपूर्वा सिंह, डिप्टी एसपी अस्मिता ममगाई, मुख्य शिक्षा अधिकारी एल.एम. चमोला, एसीएमओ डॉ. एल.डी. सेमवाल, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र महेश प्रकाश, डीपीआरओ विद्यासिंह सेमवाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी किशन सिंह चौहान, सीडब्लूसी से महीपाल सिंह नेगी, लक्ष्मी प्रसाद उनियाल, रागनी भट्ट, सीडब्लूसी टीजी से अमिता रावत आदि संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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