
✅ विकासखंड कार्यालय के पास गंदगी का अंबार, आवारा पशुओं का डेरा
✅ कूड़ा गाड़ी दो सप्ताह से बंद, व्यापारी नदी किनारे फेंकने को मजबूर
✅ खंड विकास अधिकारी बोले – मंगलवार तक होगी सफाई, बैटरी की कमी बनी बाधा
रिपोर्ट –मुकेश रावत
थत्यूड़ (टिहरी गढ़वाल) जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में स्वच्छ भारत मिशन का संदेश गूंज रहा है, वहीं दूसरी ओर थत्यूड़ विकासखंड मुख्यालय के गेट के पास ही स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ाई नजर आ रही है। विकासखंड कार्यालय की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर कूड़े का ढेर जमा है, जिससे आवारा पशु विचरण कर रहे हैं और स्थानीय नागरिकों में नाराजगी फैल रही है।
दूसरे सप्ताह में भी कूड़ा गाड़ी ठप, व्यापारी बेहाल
स्थानीय व्यापारियों के अनुसार, पिछले दो हफ्तों से कूड़ा गाड़ी बंद है, जिससे बाजार क्षेत्र में कचरे का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। व्यापारियों को मजबूरी में नदी किनारे कचरा फेंकना पड़ रहा है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण और गंदगी दोनों बढ़ रही हैं।
पंचायत चुनावों के बीच अव्यवस्था – सैकड़ों लोगों की आवाजाही में बाधा
वर्तमान में पंचायत चुनावों के चलते विकासखंड कार्यालय में नामांकन और जांच कार्य जोरों पर है। ऐसे में प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीण इस मार्ग से गुजरते हैं, पर उन्हें गंदगी और दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है। जो स्थान गांवों के विकास की योजनाएं बनाता है, वहां की स्थिति स्वच्छता के नाम पर चिंताजनक बनी हुई है।
खंड विकास अधिकारी ने दी सफाई – तकनीकी कारणों से आई असुविधा
इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी अर्जुन रावत से जब दूरभाष में बात की गई तो उन्होंने बताया कि –
कल मंगलवार तक ब्लॉक रोड पर सफाई का कार्य पूरा कर दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कूड़ा गाड़ी की बैटरी को विकासखंड के स्वान केंद्र की खराब बैटरी के स्थान पर लगाया गया है। नई बैटरी आने के बाद वाहन को फिर से चालू किया जाएगा।
स्थानीय जनता की मांग – केवल आश्वासन नहीं, ठोस सफाई व्यवस्था लागू हो
स्थानीय लोगों और व्यापारियों की मांग है कि स्थायी समाधान निकाला जाए ताकि आगे भविष्य में कचरा प्रबंधन अव्यवस्था का शिकार न हो। स्वच्छता केवल पोस्टर और नारे तक सीमित न रहे, बल्कि ज़मीनी स्तर पर भी दिखाई दे।
🎤 Fast Khabar24 सवाल:
जब ब्लॉक मुख्यालय के सामने ही कूड़े का ढेर लगा है और सफाई व्यवस्था ठप है, तो ग्रामीण क्षेत्रों की सफाई व्यवस्था कैसी होगी?
क्या स्वच्छ भारत अभियान केवल कागजों और दीवारों पर ही सीमित रह गया है?