
रिपोर्ट -सुनील सोनकर
✅ स्टाफ रूम पर कब्जे से शुरू हुआ मामला, पानी के कनेक्शन काटने तक पहुँचा
✅ नगर पालिका का आरोप – कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा जल संस्थान
✅ सोमवार को उच्च अधिकारियों की बैठक में सुलह की उम्मीद
मसूरी (देहरादून)। पहाड़ों की रानी मसूरी में इन दिनों केवल बादल नहीं, बल्कि प्रशासनिक घमासान भी छाया हुआ है। नगर पालिका और गढ़वाल जल संस्थान के बीच एक मामूली स्टाफ रूम विवाद ने संस्थागत टकराव का रूप ले लिया है। घटना ने न केवल दोनों विभागों के रिश्तों को बिगाड़ा, बल्कि आम जनता और कर्मचारियों को भी परेशानियों में डाल दिया।
स्टाफ रूम पर कब्जा या अधिकार की रक्षा? – विवाद की शुरुआत यहीं से
मामला उस वक्त तूल पकड़ गया जब नगर पालिका का एक कर्मचारी गढ़वाल जल संस्थान के स्टाफ रूम में पहुंचा।
जल संस्थान का आरोप है कि वह कर्मचारी बिना किसी वैध आदेश के स्टाफ रूम पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा था।
अधिशासी अभियंता अमित कुमार ने स्पष्ट किया कि–
“यह अवैध घुसपैठ थी। हमने समय रहते रूम को रिकवर कर लिया।”
वहीं नगर पालिका प्रशासन ने पलटवार करते हुए कहा कि जल संस्थान ने बिना पूर्व सूचना उनके कर्मचारियों के पानी के कनेक्शन काट दिए, जिससे कर्मचारियों को भारी असुविधा हुई।
पानी कटा, तनाव बढ़ा — बाद में जोड़ा गया कनेक्शन
पालिका अधिशासी अधिकारी तंवीर महवाह ने कहा:
“हमने जल संस्थान को कार्यालय के लिए ज़मीन दी थी, और अब वही संस्थान हमारे कर्मचारियों को परेशान कर रहा है।”
हालांकि दोपहर बाद कटे हुए कनेक्शन फिर से जोड़ दिए गए, जिससे हालात कुछ सामान्य हुए, लेकिन विभागीय खटास अब भी बरकरार है।
सवालों के घेरे में प्रशासनिक समन्वय, स्थानीय लोग भी नाराज़
स्थानीय लोगों का कहना है कि दो प्रशासनिक विभागों के बीच तालमेल की कमी का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
यह विवाद अब एक प्रशासनिक असफलता (System Failure) की मिसाल बनता जा रहा है।
सोमवार को आमने-सामने होंगे दोनों विभाग — हल निकालने की उम्मीद
अब यह मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में पहुंच चुका है। आगामी सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें नगर पालिका और जल संस्थान के प्रतिनिधि आमने-सामने बैठकर समाधान की कोशिश करेंगे।