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मतदान को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में निर्वाचन आयोग के 18 बड़े फैसले

1200 मतदाताओं तक सीमित होंगे एक केंद्र पर, ईसीआईनेट डैशबोर्ड से मिलेगी एकीकृत सेवा

देहरादून/नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सहज और मतदाता अनुकूल बनाने के उद्देश्य से हाल ही में 18 महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम ने जानकारी दी कि इन निर्णयों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को अधिक सुगम और सशक्त बनाना है।

मतदान केंद्र पर सीमित संख्या: अब केवल 1200 मतदाता

अब प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गई है, जिससे भीड़भाड़ की समस्या से राहत मिलेगी। ऊंची इमारतों और बहुमंजिला कॉलोनियों में अलग से अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे ताकि शहरी क्षेत्रों में भी लोगों को मतदान में असुविधा न हो।

डिजिटल युग में एकीकृत सेवा प्रणाली – ईसीआईनेट की शुरुआत

डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि आयोग ने एक नवीन डिजिटल पहल के तहत ईसीआईनेट डैशबोर्ड की शुरुआत की है, जिसके माध्यम से 40 से अधिक ऐप और वेबसाइटों को एकीकृत किया गया है। इससे मतदाता, अधिकारी और अन्य हितधारकों को एक ही प्लेटफार्म पर सभी चुनावी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

डुप्लिकेट वोटर कार्ड की समस्या का समाधान

आयोग ने डुप्लिकेट वोटर आईडी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए विशेष ‘यूनिक ईपीआईसी नंबर’ प्रणाली लागू की है, जिससे एक व्यक्ति की एक ही पहचान सुनिश्चित होगी।

मतदाता सूची का त्वरित और सटीक अपडेट

अब मृत्यु पंजीकरण डेटा सीधे आरजीआई डेटाबेस से प्राप्त किया जाएगा और सत्यापन के बाद मतदाता सूची से ऐसे नाम हटाए जाएंगे। इससे सूची की शुद्धता में सुधार होगा।

मतदाता सूचना पर्ची होगी अधिक स्पष्ट और उपयोगी

वोटर इनफार्मेशन स्लिप को अब अधिक मतदाता अनुकूल बनाया जाएगा। इसमें मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या को प्रमुखता से दर्शाया जाएगा ताकि मतदाताओं को मतदान केंद्र पर कोई भ्रम न हो।

राजनीतिक दलों से संवाद को मिली नई गति

निर्वाचन आयोग ने देशभर में राजनीतिक दलों के साथ संवाद को प्राथमिकता देते हुए अब तक 4719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की हैं। इनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उत्तराखंड में ही सीईओ स्तर पर 2, डीईओ स्तर पर 13 और ईआरओ स्तर पर 70 बैठकें हो चुकी हैं।

इन बैठकों में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) जैसे प्रमुख दलों के प्रतिनिधि शामिल रहे।

28 हितधारकों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया में शामिल 28 प्रकार के हितधारकों की पहचान की गई है—जैसे मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल, उम्मीदवार आदि। इन सभी के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और चुनाव संचालन नियम 1961 के तहत विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जा रहे हैं।

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