उत्तराखंडजनसमस्या

25 मिनट की आंधी ने उखाड़े पेड़, बिजली पानी की आपूर्ति प्रभावित

13 06 2019 tree 19308307
देहरादून। भीषण गर्मी से पूरा दिन तपे दूनवासियों की रात का चैन 25 मिनट के अंधड़ से छीन लिया। 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक गति से रात लगभग 9.15 बजे आए तूफान और अंधड़ ने शहर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया। बिजली-पानी की व्यवस्था ध्वस्त हो गई। कई जगह पर पेड़ बिजली की तारों पर गिर गए, जिससे बिजली गुल हो गई। 

परेड ग्राउंड, सहस्रधारा समेत माजरा सब स्टेशन से पूरे शहर की बिजली आपूर्ति ठप कर दी गई। समूचा शहर अंधेरे में डूब गया। शहर में कईं जगह बिजली की तारें टूटीं तो कहीं ट्रांसफार्मर के जंफर उड़ गए। बिजली गुल होने से पूरे शहर में पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई। 

महज 25 मिनट के अंधड़ ने ऊर्जा निगम व जल संस्थान के दावों की भी पोल खोल दी। ऊर्जा निगम अधिकारी तो जवाब तक देने की स्थिति में नहीं थे, जबकि जल संस्थान ने अपनी जिम्मेदारी ऊर्जा निगम पर डालकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। वहीं, ऋषिकेश, डोईवाला, पछवादून में भी अंधड़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। 

शहर में मंगलवार देर रात आए अंधड़ व बारिश के बाद बुधवार को पूरा दिन भीषण गर्मी व उमस बनी रही। शाम को आसमान में बादल छाए तो दूनवासियों को कुछ राहत की उम्मीद जगी, लेकिन रात सवा नौ बजते ही ये उम्मीद धूल के गुबार में गुम हो गई। 

अचानक आए अंधड़ से राजेंद्रनगर, माजरा, पटेलनगर, डालनवाला, मोहकमपुर, रायपुर, ईसी रोड, मन्नूगंज समेत नेशविला रोड और पंडितवाड़ी, सहस्रधारा क्षेत्र में कई पेड़ और टहनियां तारों पर गिर गए। पेड़ों के गिरने से तार टूट गए और बिजली गुल हो गई। पानी की आपूर्ति भी बंद हो गई। मौसम विभाग ने अंधड़ की गति 50 से 60 किमी प्रति घंटे की बताई है। अंधड़ में जगह-जगह घरों व दुकानों की टीन-शेड़ उड़ गई। 

खिड़कियों व रोशनदानों के शीशे चटक गए तो कई जगह सड़क पर गाड़ियां आपस में टकरा गईं। सड़कों पर वाहन से चल रहे या पैदल चल रहे लोग सुरक्षित स्थानों पर रुक गए। करीब 25 मिनट चले अंधड़ की रफ्तार बारिश ने रोकी। बारिश की बौछारों ने अंधड़ व गर्मी से कुछ राहत तो दी, लेकिन बिजली-पानी ना आने से लोगों की मुसीबत कईं घंटे के लिए बढ़ गई। 

भारी पड़ रही लापरवाही

खतरनाक पेड़ों के कटान के मामले में तो लापरवाही बरती ही जा रही, उन पेड़ों की छंटाई भी नहीं की जा रही, जिनके पास या नीचे से विद्युत लाइनें गुजर रही हैं। वक्त पर ऐसे पेड़ों पर छंटाई कर दी जाती तो कम से कम शाखाएं टूटने से लाइन तो नहीं टूटतीं।

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