देहरादून I वर्ष 2013 की त्रासदी के जख्म तेजी से भर रहे हैं। इससे उपजी पीड़ा पीछे छूट रही है। उत्तराखंड की चार धाम यात्रा फिर से शानदार मुकाम पर है। देश दुनिया के लोगों की आस्था और विश्वास ने इतिहास रच दिया है। इतनी जल्दी चार धाम यात्रा के सरसब्ज हो जाने की शायद किसी को उम्मीद नहीं थी। 16/17 जून 2013 की काली तारीख को याद करते हुए जब ये पंक्तियां लिखी जा रही है, तो एक नजर यात्रा मार्गों पर डालनी भी जरूरी है।
चार धाम यात्रा के पड़ाव यात्रियों से पटे पडे़ हैं। अव्यवस्थाएं हैं, लेकिन खौफ और आशंका दूर दूर तक नहीं है। यात्रा का उत्साह है। उमंग हर चेहरे पर है। यात्री संख्या का नया रिकार्ड बनने के लिए तैयार है। 27 लाख यात्री पिछले वर्ष 2018 में उत्तराखंड आए थे। इस बार, अपेक्षाकृत थोड़ी देर से शुरू होने के बावजूद इस यात्रा में अभी तक यात्री संख्या का आंकड़ा 20 लाख से पार चला गया है। यात्रा अभी नवंबर तक चलनी है।
इस बार की यात्रा नई ऊंचाइयों को छूने के लिए बेताब
इन स्थितियों के बीच, सबसे खास बात केदारनाथ धाम से जुड़ी है। यात्रियों की संख्या के मामले में केदारनाथ इस बार बद्रीनाथ धाम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। सवा महीने की यात्रा में कई दिन ऐसे भी आए हैं, जबकि बद्रीनाथ के मुकाबले केदारनाथ में ज्यादा यात्री पहुंचे हैं। ये स्थिति पहले कभी नहीं दिखी है।
उस केदारनाथ धाम में यात्रियों का इस तरह का हुजूम सचमुच सबको चौंकाता है, जिसकी वर्ष 2013 में आपदा से तहस नहस हुए धार्मिक क्षेत्र के रूप में पहचान उभर कर सामने आई थी। आपदा आने से एक वर्ष पहले यानी वर्ष 2012 की यात्रा में 27 लाख 23 हजार 311 यात्री आए थे। वर्ष 2018 की यात्रा इस आंकडे़ को पहले ही पीछे छोड़ चुकी है। पिछले वर्ष यात्रा में 27 लाख 81 हजार 428 यात्रियों की आमद हुई थी। इस बार की यात्रा नई ऊंचाइयों को छूने के लिए बेताब है। बकौल, पर्यटन और तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज-इस बार की यात्रा नया रिकार्ड बनाएगी। वह केदारनाथ धाम के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान को केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों से भी जोड़ते हैं।
उस केदारनाथ धाम में यात्रियों का इस तरह का हुजूम सचमुच सबको चौंकाता है, जिसकी वर्ष 2013 में आपदा से तहस नहस हुए धार्मिक क्षेत्र के रूप में पहचान उभर कर सामने आई थी। आपदा आने से एक वर्ष पहले यानी वर्ष 2012 की यात्रा में 27 लाख 23 हजार 311 यात्री आए थे। वर्ष 2018 की यात्रा इस आंकडे़ को पहले ही पीछे छोड़ चुकी है। पिछले वर्ष यात्रा में 27 लाख 81 हजार 428 यात्रियों की आमद हुई थी। इस बार की यात्रा नई ऊंचाइयों को छूने के लिए बेताब है। बकौल, पर्यटन और तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज-इस बार की यात्रा नया रिकार्ड बनाएगी। वह केदारनाथ धाम के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान को केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों से भी जोड़ते हैं।
आपदा से एक वर्ष पहले की कुछ यूं थी तस्वीर
केदारनाथ की आपदा वर्ष 2013 में आई। इससे पहले, वर्ष 2012 में यात्रा शानदार ढंग से आगे बढ़ी। बदरीनाथ में इस वर्ष नौ लाख 41 हजार 92 यात्रियों की आमद हुई थी। केदारनाथ पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या पांच लाख 73 हजार 40 रही थी। गंगोत्री में तीन लाख 72 हजार 768, तो यमुनोत्री में तीन लाख 36 हजार 791 यात्रियों ने भाग लिया था।
2013 मेें जितनी भी चली, शानदार चली यात्रा
वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा नहीं आती, तो यात्री संख्या का रिकार्ड शानदार होकर उभरता। 16/17 जून को आपदा आई। इस वक्त तक बदरीनाथ में चार लाख 97 हजार 386 यात्री पहुंच चुके थे। केदारनाथ में तीन लाख 33 हजार 656, गंगोत्री में 95 हजार 418 और यमुनोत्री में 96 हजार 943 यात्री पहुंच चुके थे, लेकिन आपदा ने जान माल का भारी नुकसान किया और यात्रा बाधित हो गई।
2013 मेें जितनी भी चली, शानदार चली यात्रा
वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा नहीं आती, तो यात्री संख्या का रिकार्ड शानदार होकर उभरता। 16/17 जून को आपदा आई। इस वक्त तक बदरीनाथ में चार लाख 97 हजार 386 यात्री पहुंच चुके थे। केदारनाथ में तीन लाख 33 हजार 656, गंगोत्री में 95 हजार 418 और यमुनोत्री में 96 हजार 943 यात्री पहुंच चुके थे, लेकिन आपदा ने जान माल का भारी नुकसान किया और यात्रा बाधित हो गई।
आपदा से उबरने की कहानी, आंकड़ों की जुबानी
वर्ष बदरीनाथ केदारनाथ गंगोत्री यमुनोत्री
2014 150060 40922 48717 36007
2015 366455 154385 160192 122924
2016 654355 309764 285459 155129
2017 920466 471235 408738 392208
2018 1048051 731991 447838 394445
2014 150060 40922 48717 36007
2015 366455 154385 160192 122924
2016 654355 309764 285459 155129
2017 920466 471235 408738 392208
2018 1048051 731991 447838 394445