देहरादून

Budget 2019: क्या निर्मला के बजट से उत्तराखंड की इन उम्मीदों को लगेंगे पंख, फैसले पर टिकीं निगाहें

Nirmala khi
देहरादून I देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से मातृ सत्तात्मक समाज वाले उत्तराखंड को कुछ खास मिलने की आस है। वे शुक्रवार को बजट पेश करेंगी। हर साल की तरह से इस बार भी प्रदेश सरकार केंद्र के समक्ष अपनी प्राथमिकता रख चुकी है।

त्रिवेंद्र सरकार चाहती है कि मोदी सरकार के बजट में हरिद्वार महाकुंभ, राष्ट्रीय खेल और रेल परियोजनाओं के लिए उदार इमदाद का प्रावधान हो। वैसे, महिला वित्त मंत्री पर प्रदेश की इस वजह से भी नजर रहेगी कि उत्तराखंड महिला प्रधान प्रदेश है। खासतौर पर पहाड़ में महिलाओं को आर्थिकी की मुख्य धुरी माना जाता है, लेकिन उद्यमिता और रोजगार के अवसर यहां बहुत सीमित हैं।

क्या बजट में ऐसी घोषणाएं होंगी जो उनके कार्य बोझ को कम करेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में मददगार साबित होगा। जहां तक उत्तराखंड सरकार का सवाल है तो उसने हिमालयी राज्य होने के नाते केंद्र से उदार वित्तीय सहायता का अनुरोध किया है। केंद्रीय बजट में प्रदेश सरकार कुछ ऐसा चाह रही है।   

पर्वतीय राज्य होने के नाते बजट में मांग

ग्रीन बोनस: सरकार आस लगा रही है कि मोदी सरकार बजट में हिमालयी राज्यों के ग्रीन बोनस का ग्रीन बोनस का प्रावधान करेगी।
आवास : हिमालय राज्यों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण की प्रति लाभार्थी की सहायता राशि 1.30 से बढ़ाकर 2.0 लाख हो।
मनरेगा : अकुशल श्रम दिवसों को 95 से बढ़ाकर 125 किया जाए। श्रम सामग्री की दर 60 अनुपात 40 के स्थान 50 अनुपात 50 किया जाए।
ग्रामीण सड़कें : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 250 की आबादी के मानक को 150 किया जाए। 
रोपवे : योजना का नाम प्रधानमंत्री संपर्क सड़क योजना रखा जाए, जिसमें रोपवे सेक्टर की शामिल किया जाए। गौरीकुंड से केदारनाथ, नैनीताल रोपवे, गोविंदघाट से हेमकुंड रोपवे प्रोजेक्ट केंद्रीय सहायतित योजना में शामिल हो।
पंचायतीराज : प्रदेश की 7797 पंचायतों में से 1599 भवनहीन हैं। भवन उपलब्ध कराने के साथ सभी पंचायतों को ई-पंचायत के तौर पर विकसित करने में वित्तीय सहायता दी जाए।

ये भी हैं मांगे

सीमांत क्षेत्रों का विकास : नेपाल व चीन सीमा से सटे क्षेत्रों में अवस्थापना विकास के जरिये पलायन रोकने के लिए सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम में आवंटन बढ़ाया जाए।
रमसा : राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा कार्यक्रम के तहत संचालित स्कूलों के शिक्षकों के वेतन की 90 फीसदी भुगतान की नीति केंद्र सरकार बरकरार रखे।
पेंशन : वृद्धावस्था पेंशन की प्रति लाभार्थी राशि 200 से बढ़ाकर 500 से 1000 किया जाए।
रेल : बागेश्वर, टनकपुर कर्णप्रयाग रेल मार्ग के लिए बजट में प्रावधान हो।

बजट में धनराशि की मांग (करोड़ में) 
महाकुंभ        5000
राष्ट्रीय खेल    682
पंचायतीराज    289

केंद्र से हमें पूरा सहयोग मिला है। हमें बजट से पूरी आशा है। मैं स्वयं केंद्रीय मंत्रियों से मिल चुका हूं और प्रदेश के विकास से जुड़ी प्राथमिकताएं रख चुका हूं। ये सुखद बात है कि ग्रीन बोनस पर नीति आयोग भी सहमत है।
– त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री


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