सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए कैबिनेट नोट तैयार कर लिया है। आगामी कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगने की पूरी संभावना है। प्रदेश सरकार ने अटल आयुष्मान योजना में 23 लाख परिवारों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज कराने की सुविधा दी है। वहीं, यू-हेल्थ कार्ड योजना को बंद कर तीन लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को भी आयुष्मान योजना में शामिल कर लिया गया।
इसमें फर्क सिर्फ इतना था कि आम लोगों के लिए पांच लाख और कर्मचारी, पेंशनरों के लिए असीमित खर्चे पर इलाज का प्रावधान है, लेकिन रेफर की शर्त जोड़ दी गई। जबकि कर्मचारी संगठनों की मांग थी कि जब कैशलेस इलाज के लिए प्रतिमाह अंशदान देना पड़ रहा तो रेफर की शर्त नहीं होनी चाहिए। पूर्व में यू-हेल्थ कार्ड योजना में भी रेफर की कोई शर्त नहीं थी। वहीं, योजना में कर्मचारियों और पेंशनरों को ओपीडी की सुविधा दी जाए या नहीं, इसका आगामी कैबिनेट बैठक में हो सकता है।
कर्मचारियों और पेंशनरों का पूरा डाटा तैयार
पदों की श्रेणी के अनुसार कार्मिकों का प्रस्तावित अशंदान
स्तर | अंशदान रुपये में |
1 से 5 श्रेणी(चतुर्थ) | 100 |
श्रेणी -6 (तृतीय) | 200 |
7 से 11 श्रेणी(द्वितीय) | 300 |
12 से श्रेणी से ऊपर(अधिकारी) | 400 |
सेवानिवृत्त कर्मचारी | पद की श्रेणी के अनुसार |
कर्मचारियों की मांग है कि केंद्रीय कर्मचारी स्वास्थ्य योजना की तर्ज पर इलाज की दरें तय की जाएं। इसके साथ ही रेफर करने की शर्त को समाप्त कर, ओपीडी और बीमारी से संबंधित जांच की सुविधा भी इसमें शामिल की जाए। यदि ये सुविधाएं नहीं मिलतीं तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
-अरुण पांडे, कार्यकारी महामंत्री, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद