जनसमस्या

फसल का खेत में ही पीली पड़ने एवं जड़ों की कमजोर पड़ने के कारण किसानों में मायूसी

गिरीश चंदोला
थराली

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थराली/कुलसारी क्षेत्र में धान, मडुआ की खड़ी फसल खेत में ही पीली पड़ने एवं उसकी जड़ों की कमजोर पड़ने के कारण किसानों में मायूसी है। किसानों ने 6 माह के लिए फसल लगाई थी लेकिन फसल खराब हो गई है । क्षेत्र की पासतोली, जबर कोट मेटा मल्ला, मेटा तल्ला, सालपुर, ऑलकोट, झिंझोली, भटियाणा  सहित दो दर्जन से अधिक गांवों के किसानों की फसल खराब होने की सूचना है । मेटा मल्ला के किशोर सिंह नेगी ,जबरकोट के कलम सिंह कंडारी, धारबारम के पूर्व कैप्टन दलबीर सिंह, सालपुर के सुरेंद्र सिंह खत्री ने बताया कि उनके द्वारा मार्च में धान एवं मडुआ की फसलें बोई गई थी जो अब बड़ी हो गई है ,लेकिन खेत में खड़ी फसलों की किसानों द्वारा निराई के दौरान फसल जड़ से उखड़ जा रही है।  किसानों का कहना है कि बड़ी मेहनत के बाद उनके द्वारा खेतों में फसल लगए गई थी, लेकिन अब यह खराब हो गई है। ऐसे में 6 माह किसान क्या कर पाएंगे उनके सम्मुख आजीविका तथा परिवार के भरण पोषण संकट खड़ा हो गया है।

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वही इस पर  कृषि  वैज्ञानिक दिनेश तिवारी ने बताया कि  फसल की जड़ों का कमजोर होना खेतों में न्यू ट्रेन खास रूप में  जिंक की कमी के कारण ऐसा होता है, लेकिन पूर्ण रूप में मिट्टी की जांच एवं फसल को देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। बताया कि यदि खेत में जिंक की कमी होने के कारण ऐसा हो रहा है तो जिंक सल्फेट का छिड़काव यदि समय पर किसानों द्वारा कर लिया जाता है तो फसल को बचाया जा सकता है।

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