थत्यूड

संविधान की मूल भावना का हृदय से आदर करना : डॉ अनीता


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थत्यूड़। मंगलवार को राजकीय महाविद्यालय थत्यूड़ में राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई के द्वारा संविधान दिवस मनाया गया कार्यक्रम का प्रारंभ महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ अनीता तोमर ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित तथा पुष्प अर्पित कर किया इसके पश्चात उन्होंने उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों को संविधान की प्रस्तावना को अंगीकृत अधिनियमित और आत्माप्रीत करने की शपथ दिलाई। तथा सभी से संविधान की मूल भावना का हृदय से आदर करने के लिए आग्रह किया इसके पश्चात कार्यक्रम अधिकारी संदीप कश्यप ने संविधान के विषय में छात्र-छात्राओं को जानकारी दी और प्रत्येक छात्र से आग्रह किया कि भारत का संविधान समानता स्वतंत्रता न्याय और विश्व बंधुत्व का प्रतीक है अतः प्रत्येक व्यक्ति को एक सजग प्रहरी और निर्देशक की भूमिका अदा करते हुए देश को उन्नति और विकास में योगदान देना चाहिए मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ पंकज पांडे ने भारतीय संविधान के ऐतिहासिक महत्व तथा वर्तमान में भारतीय संविधान की
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 आवश्यकता के बारे में छात्र छात्राओं को अवगत कराया उन्होंने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने संविधान को शुद्ध अन्तः करण इमानदारी से इसकी प्रस्तावना का आदर एवं सम्मान करें इसके पश्चात रोहिणी रांगड़ तथा सागरपाल ने भारत की धर्मनिरपेक्षता तथा विश्व बंधुत्व की भावना पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत में आपसी समन्वय की अनूठी परंपरा के कारण भारत की विश्व में अपनी अलग ही पहचान है इसके पश्चात प्रभारी डॉ अनीता तोमर ने छात्र छात्राओं को संविधान के विषय में महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराया उन्होंने कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है तथा इसके अंतर्गत प्रत्येक नागरिक के समस्त अधिकारों को ध्यान में रखा गया है इसलिए इसके लागू होने के 70 वर्ष बाद भी संविधान में बहुत कम संशोधन 104 करने की आवश्यकता पड़ी है जो भारतीय संविधान की श्रेष्ठता और विशालता को दर्शाता है। कार्यक्रम में डॉ राजेश कुमार, कुंवर सिंह, अखिल गुप्ता, नीलम,अनिल कुमार,गीता,शशिबाला उनियाल, धर्मेंद्र कुमार, पीके सहगल मंजीत, रोहिणी रांगड़ दिनेश रावत,ममता हिमांशु मंजिता सागरपाल सपना आदि मौजूद थे।

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