स्थान /थराली
रिपोर्ट / गिरीश चंदोला
रिपोर्ट / गिरीश चंदोला
उत्तराखंड की पुलिस को यूं ही मित्र पुलिस नही कहा जाता है ,जहां कोरोना के संकट से पूरा विश्व जूझ रहा है, देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित है, वहीं उत्तराखंड की पुलिस सड़को पर घूमकर अनावश्यक बाहर सड़को पर आने वालों को घर पर बने रहने की अपील तो कर ही रही है वहीं दैनिक मजदूरी वाले गरीब ,असहायों की मदद के लिए भी आगे आ रही है ,आपने सोशल मीडिया पर अनावश्यक सड़को पर घूमने वाले लोगो पर पुलिस की सख्ती के तो बहुत वीडियो देखें होंगे लेकिन उत्तराखंड की मित्र पुलिस का एक चेहरा ऐसा भी है जहां पुलिसकर्मी अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गरीब ,मजदूरों को चिन्हित कर रही है और खुद राशन की किट लेकर ऐसे लोगो के घर घर पहुंच रही है।
थानाध्यक्ष थराली सुभाष जखमोला और अभि सूचना प्रभारी धनपाल नेगी इन दिनों अपने पुलिस कार्य के साथ पुलिसकर्मियों के संग ऐसे दैनिक मजदूरों को भी चिन्हित कर रहे हैं जिन्हें लॉकडाउन के चलते दो जून की रोटी तक मयस्सर नही हो पा रही है,ये टीम कोरोना से बचाव के लिए मास्क भी ऐसे मजदूरों को वितरित कर रही है लॉकडाउन के चलते थराली क्षेत्र में मजदूरी कर रहे कई मजदूरों की मजदूरी ठप पड़ी है ऐसे में ,थानाध्यक्ष सुभाष जखमोला ,अभि सूचना प्रभारी धनपाल नेगी,आरक्षी भरत टोलिया ओर सुमन राणा के साथ मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए खुद ही पहुंच गए राशन किट लेकर घर घर ,पुलिसकर्मियों ने ग्वालदम क्षेत्र में ताल में दो दैनिक मजदूर, और चेपड़ो में तीन दैनिक मजदूरों के पास राशन की किल्लत होने के बाद इन्हें खुद जाकर राशन किट बांटी ,इसके साथ ही पुलिसकर्मियों द्वारा सभी से लॉकडाउन का पालन करने की अपील भी की पुलिसकर्मियों ने इन मजदूरों को आश्वस्त करते हुए कहा कि राशन की किल्लत होने पर पुलिस को सूचना दें पुलिस हर परिस्थिति में मदद के लिए तैयार है ,आपको बता दें कि पिछले दिनों मजदूरी पर लॉकडाउन की आफत के बाद कई मजदूर ट्रको में छिपकर अपने घरों तक जाने की कोशिश करने लगे थे, लेकिन बैरियर पर ही पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर एक ही जवाब सुनने को मिला कि लॉकडाउन के चलते मजदूरी बन्द हो गई इसलिए अपने घरों को लौटना जरूरी हो गया ,पुलिसकर्मियों द्वारा मजदूरों को आश्वस्त किया जा रहा है कि सरकार सभी को संक्रमण से बचाने के लिए घरों में रहने की अपील कर रही है और लॉकडाउन में घर पर ही रहने के लिए अपील कर रही है ,ऐसे में यदि कहीं भी राशन या खाने पीने की कोई किल्लत हो तो हर उस मजदूर तक प्रशासन मदद के हाथ पहुंचाएगा ,
आपदा की इस घड़ी में उत्तराखंड पुलिस का ये मानवीय चेहरा बताता है कि यूँ ही नही उत्तराखंड की पुलिस को मित्र पुलिस कहा जाता है ,जो इस वैश्विक संकट के समय मित्रता ,सेवा ,सुरक्षा तीनो मानकों पर खरा उतरती नजर आ रही है।