देहरादून
उत्तराखंड: दस बच्चों की मौत के बाद जागा विभाग, बिना मानकों के चलने वाले स्कूलों पर दर्ज होगा मुकदमा
देहरादून I उत्तराखंड में अब अगर कोई बगैर मानक पूरे किए ही स्कूल चलाता पकड़ा गया तो संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। टिहरी जिले के जाखणीधार में बिना मान्यता के चले रहे स्कूल के दस बच्चों की सड़क हादसे में मौत के बाद शिक्षा विभाग की ओर से अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं।
अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल महावीर सिंह बिष्ट की ओर मुख्य शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि विद्यालयों को मान्यता देते समय विभागीय नीति एवं निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाए। यदि प्रबंधन बिना मान्यता के स्कूल चलाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं।
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर सिंह बिष्ट ने मुख्य शिक्षा अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा कि अपने जनपदों के अंतर्गत विकासखंडवार अमान्यता वाले विद्यालयों की सूची तैयार कर इसकी रिपोर्ट अपर निदेशक कार्यालय को भेजें।
इस दौरान अधिकारी यह भी देखें कि यह विद्यालय कब से संचालित हो रहे हैं और इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षक प्रशिक्षित एवं योग्यताधारी हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों की भी सूची तैयार की जाए, जहां बच्चों के स्कूल जाने के लिए वाहन की व्यवस्था की गई है।
अधिकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन, वर्ष, ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन स्वामी का पता भी प्राप्त करें। वाहनों की सूची फिटनेस चैक करने के लिए संबंधित आरटीओ को भी उपलब्ध करा दें। अधिकारी निर्धारित सीट से ज्यादा बच्चों को ले जाने वाले वाहनों पर नजर रखें और इसकी शिकायत आरटीओ से करें।
अपर निदेशक ने कहा कि जाखणीधार में हुए सड़क हादसे में जहां विद्यालय प्रबंधन जिम्मेदार है, वहीं इसके लिए परिवहन विभाग एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी दोषी माना गया है।
…तो बीईओ के खिलाफ होगी कार्रवाई
शासन ने प्रदेश में बगैर मान्यता के चल रहे स्कूलों के मामले में जांच के आदेश दिए हैं। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि इन स्कूलों की सूची तलब की गई है। इस तरह के स्कूलों के मामलों में संबंधित क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सुंदरम ने कहा कि बगैर मान्यता वाले स्कूलों के प्रकरण में उन अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी, जिनके द्वारा मान्यता के प्रकरणों पर स्थिति स्पष्ट करने के बजाए उन्हें लटकाया गया है।
चाहें फिर वह खंड स्तर का अधिकारी हो, जिला शिक्षा अधिकारी हो या फिर शासन में बैठा कोई अधिकारी। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने स्कूल की मान्यता के लिए विधिवत आवेदन किया है तो फाइल पर हां या न को लेकर स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए। ऐसा न कर यदि बिना किसी ठोस कारण के मामला लटकाया गया तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।