थत्यूड़। ब्लॉक मुख्यालय थत्यूड़ में धार्मिक एवं सांस्कृतिक समिति थत्यूड़ के द्वारा आयोजित राम लीला के आठवें दिन की लीला में कैकेयी के कोपभवन में चले जाना और इसके बाद राजा दशरथ का आगमन व कैकेयी को मनाया जाता है जिसमें कैकयी राजा दशरथ से अपने दो वरदान मांगने को कहती है। राजा दशरथ जोश में कहते हैं कि रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन ना जाए जिसके बाद कैकेयी अपने दो वरदान मांगने लगती है। प्रथम वरदान भरत को अयोध्या की राजगद्दी व दूसरा वरदान भगवान रामचंद्र जी को 14 वर्ष का वनवास यह सुनते ही राजा दशरथ बहुत दुखी व व्याकुल हो जाते हैं जिसके बाद भगवान राम का आगमन होता है। जब वह अपने पिता राजा दशरथ जी को दुखी व्याकुल देखते है तो माता कैकेयी कारण पूछते हैं जिसके बाद माता की कैकेयी सारी बातें राम जी को बता देती है इसके पश्चात रामचंद्र वनगमन के लिए के लिए तैयार होने लगते हैं राम जी के साथ सीता व लक्ष्मण भी वनगमन के लिए प्रस्थान करने लगते हैं यह दृश्य देखकर हजारों दर्शक भाव विभोर हो जाते हैं। इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष गजेंद्र असवाल सीमा रौंछेला पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य ख्यार्शी दिनेश रावत शिवदास सुनील रावत सचिन भंडारी लक्ष्मण दास विजेंद्र सिंह पवार विरेंदर चंदेल मंडल उपाध्यक्ष भाजपा निर्देशक कमल किशोर नौटियाल मंच संचालन सुनील सजवान आदि लोग मौजूद रहे।
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