देहरादून। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय गढ़वाल विवि में सवर्ण आरक्षण (ईडब्ल्यूएस) का कोटा इसी शैक्षणिक सत्र से लागू हो गया है। विवि की कुलपति ने इस संबंध में सभी संबद्ध संस्थानों को पत्र जारी कर एक सप्ताह के भीतर बढ़ी हुई सीटों का ब्यौरा मांगा है। विवि के तहत आने वाले सभी कॉलेजों में करीब पांच हजार सीटों का इजाफा होगा।
विवि से संबद्ध कॉलेजों व संस्थानों में वर्तमान आरक्षण कोटे से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, क्योंकि सवर्ण आरक्षण पांच फीसद अतिरिक्त होगा। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में यह आरक्षण केंद्र सरकार ने इसी वर्ष फरवरी में लागू कर दिया था।
वर्तमान में हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विवि के अंतर्गत श्रीनगर, पौड़ी व टिहरी परिसरों के अलावा 70 के करीब संबद्ध कॉलेज हैं जो विवि प्रशासन की ओर से संचालित किए जाते हैं। इसमें से दून के चार बड़े कॉलेज डीएवी पीजी कॉलेज, डीबीएस, एमकेपी और श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज समेत 17 अशासकीय कॉलेज हैं। सवर्ण आरक्षण का लाभ बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमकॉम, शोध व अनुसंधान के अलावा व्यवसायिक कोर्स सभी में मान्य होगा।
गढ़वाल विवि ने जो फार्मूला तैयार किया है उसके अनुसार जिस कॉलेज में वर्तमान में 100 सीटें हैं वहां सवर्ण आरक्षण के बाद 110 सीटें हो जाएंगी। विवि के कुलसचिव डॉ. एके झा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विवि में चालू सत्र से ही पांच फीसद सवर्ण आरक्षण प्रभावी होगा।
आरक्षण रोस्टर को लागू करने से विवि और विवि से संबद्ध सभी संस्थानों में करीब 10 फीसद सीटें बढ़ेगी। विवि प्रशासन आरक्षण के अनुरूप उच्च शिक्षण संस्थानों में बढऩे वाली सीटों का ब्यौरा आने के बाद नए सिरे रोस्टर तैयार करेगा।
इस प्रकार मिलेगा आरक्षण का लाभ
सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में यह आरक्षण केंद्र सरकार ने इसी वर्ष एक फरवरी 2019 से लागू किया है। सवर्ण आरक्षण के तहत पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने के लिए केंद्र ने पैमाने बनाए हैं। आरक्षण सिर्फ उन्हीं सवर्णों को मिलेगा जिनकी सालाना आय आठ लाख से कम हो। साथ ही आरक्षण के हकदार वहीं होंगे जिसके पास पांच एकड़ से कम जमीन होगी।
आरक्षण के लिए देखी जाएगी परिवार की आय
आर्थिक आरक्षण के लिए अर्हता की जांच के दौरान परिवार की सभी स्रोतों से कुल आय की जांच की जाएगी। इस दौरान खेती, नौकरी, व्यापार व अन्य मदों से परिवार की कुल आय को जोड़ा जाएगा।
अगर यह आठ लाख रुपये से कम हो तो ही आवेदक को सवर्ण आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। यदि आवेदक 18 साल से कम है और परिवार से अलग रह रहा है तो उसे आरक्षण के तहत अलग नहीं माना जाएगा। उस परिस्थिति में भी पूरे परिवार की आय जोड़ी जाएगी।
ऐसे बनेगा ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट
ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए अभ्यर्थी को सबसे पहले आवेदन फॉर्म लेना होगा जो तहसील या ई लोक मित्र केंद्र पर मिल जाएंगे। आवेदन पत्र तहसीलदार के नाम भरा जाएगा। आवेदन पत्र के साथ अभ्यर्थी को आय प्रमाण पत्र और शपथ पत्र देना होगा। आवेदन पत्र के साथ मूल निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और एक पहचान पत्र की फोटो प्रति भी साथ में लगानी होगी।
आवेदन पत्र भरने के बाद पटवारी हल्का रिपोर्ट (पटवारी द्वारा) भी भरवानी होगी। आवेदन पत्र पूरी तरह भरने के बाद उसे तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत करना होगा, इस प्रक्रिया के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
अलग से की गई दस फीसद आरक्षण की व्यवस्था
गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल के मुताबिक, भारत सरकार की ओर से आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को अलग से 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इसी के तहत पांच फीसद आरक्षण की व्यवस्था विवि से संबद्ध समस्त महाविद्यालयों/ संस्थानों में भी सत्र 2019-20 में लागू की गई है। सभी संस्थान पाठ्यक्रमवार आवंटित कुल सीटों में पांच फीसद की अतिरिक्त वृद्धि कर अपने यहां प्रवेश दें। बढ़ी हुई सीटों का ब्यौरा एक सप्ताह के भीतर विवि को उपलब्ध करवाएं।
बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में होगा निर्णय
डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना के अनुसार, ईडब्ल्यूएस आरक्षण कोटा से संबंधित पत्र एचएनबी गढ़वाल विवि की ओर से प्राप्त हुआ है। जिसे बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में रखा जाएगा। इसके बाद ही सीटें बढ़ाने और इसी सत्र से दाखिले के संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा। सवर्ण आरक्षण को लेकर उच्च शिक्षा निदेशालय के आदेश में 10 फीसद सीटें बढ़ाने को लेकर निर्देशित किया गया है। जबकि गढ़वाल विवि ने पांच फीसद सीटें बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
नियम देखने के बाद बढ़ेंगी सीटें
डीबीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीसी पांडे का कहना है कि डीबीएस पीजी कॉलेज को हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विवि श्रीनगर गढ़वाल की ओर से ईडब्ल्यूएस आरक्षण कोटे से संबंधित पत्र प्राप्त हुआ है। जिसका अध्ययन व उसे लागू करने के नियमों को देखने के बाद ही सीटों को बढ़ाया जाएगा।