उत्तराखंड

राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी।

आर्थिक प्रगति की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है उत्तराखण्ड - राज्यपाल।

  •  राज्य निर्माण में योगदान देने वाले अमर शहीदों एवं वीर आंदोलनकारियों को किया नमन।
  •  राज्य के विकास एवं प्रगति में सभी के सामूहिक योगदान का किया आह्वान।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित नए-नए समाधान, डिजिटल और साइबर तकनीकों को अपनाना बेहद जरूरी है- राज्यपाल

    राजभवन देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के लिए अपना महान योगदान देने वाले अमर शहीदों एवं वीर आंदोलनकारियों को नमन किया है। उन्होंने इस अवसर पर सैन्य एवं पुलिसबलों, अर्द्धसैन्य बलों, सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों का भी विशेष रूप से वंदन किया।

    राज्यपाल ने कहा है कि आज हमारा प्रदेश अपनी स्थापना की 23 वर्षों की यात्रा पूरी करते हुए 24वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। विकास और समृद्धि के सपनों के साथ राज्य के लोगों ने इन 23 वर्षों में नए उत्तराखण्ड को पुष्पित, पल्लवित और विकसित होते हुए देखा है। हमारा राज्य निरंतर प्रगति कर रहा है लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है इसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
    राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड आर्थिक प्रगति की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। विकास के कई सूचकांकों पर उत्तराखण्ड नियमित रूप से देश के अग्रणी राज्यों में शामिल रहा है। हमारी जिम्मेदारी है कि विकास का समान लाभ गरीबों, वंचितों, किसानों और उत्तराखण्ड के दूर-दराज के क्षेत्रों में रह रही माताओं, बहनों, युवाओं, किसानों, उद्यमियों तक पहुँचे जिससे वे समाज की मुख्यधारा से जुड सकें।

राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा वसुधैव-कुटुंबकम की थीम पर वैश्विक जी-20 सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। उत्तराखण्ड ने भी अपनी भागीदारी निभाते हुए 03 सम्मेलनों का आयोजन बड़ी सफलता के साथ सम्पन्न किया। इन सम्मेलनों से राज्य को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली। प्रदेश में दिसम्बर माह में ‘इंवेस्टर्स समिट’ का आयोजन हो रहा है जिससे यहां निवेश की संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। अभी तक सवा लाख करोड़ रूपये से अधिक के निवेश समझौते हो चुके हैं। आपदा प्रबंधन पर चिंतन एवं मंथन के लिए वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन आयोजित होगा। इस सम्मेलन में आपदा से उत्पन्न चुनौतियों के समाधान खोजे जाएंगे जो राज्य के हित में लाभकारी होगा।

राज्यपाल ने कहा कि आदि कैलाश और जागेश्वर धाम में प्रधानमंत्री के भ्रमण से मानसखण्ड क्षेत्र को देश और दुनिया में एक नई पहचान मिली है। राज्य सरकार ने कुमाऊँ क्षेत्र के मंदिरों तथा वहां के पर्यटन को विकसित करने के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन प्रारंभ किया है। इस योजना से भी कुमाऊँ क्षेत्र को लाभ होना निश्चित है। अभी कुछ दिन पूर्व ही जमरानी बहुद्देशीय परियोजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। इस योजना से हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिये और लाखों लोगों को पीने के लिये पानी उपलब्ध होगा।

राज्यपाल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता बनाये रखने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सरकारी नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि गांवों में सड़क, बिजली, पानी, रसोई गैस, स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय समावेश, सामाजिक सुरक्षा से जुड़े हर एक क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है। सीमांत गांव हमारे देश के पहले गांव बन गये हैं, इनका इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए केंद्र सरकार ने ‘वाइब्रेंट विलेज’ योजना की शुरुआत की है। सीमावर्ती गांवों में विकास की बहुत सी योजनाएं लागू कर वहां सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों को मजबूत कर, उनको विकसित बनाना इस योजना का लक्ष्य है। यह योजना रिवर्स पलायन के लिए बेहद कारगर साबित होगी।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। महिलाएं हमारे परिवार की सबसे सशक्त सदस्य हैं। आज भी राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं ही आर्थिक व सामाजिक सरंचना की रीढ़ हैं। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। उनके द्वारा बनाए जाने वाले उत्पाद विश्वस्तरीय हैं उन्हें पैकेजिंग और ब्रांडिंग में सहयोग किए जाने की आवश्यकता है। राज्य में स्थानीय उत्पादों पर आधारित महिला उद्यमों को प्रोत्साहन से महिला सशक्तिकरण एवं स्थानीय उत्पादों के संरक्षण का दोहरा लक्ष्य प्राप्त होगा।
राज्यपाल ने कहा कि आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित नए-नए समाधान, डिजिटल और साइबर तकनीकों को अपनाना बेहद जरूरी है। एआई और टेक्नोलॉजी के माध्यम से कार्यों को बेहद सुगमता से किया जा सकेगा वहीं यह पारदर्शिता व जवाबदेही के लिए भी आवश्यक हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि नई तकनीकों को अपनाने से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, अवस्थापना आदि क्षेत्रों में परिवर्तन की क्रांति आना निश्चित है।

उन्होंने कहा कि राज्य के विकास एवं प्रगति में सरकार के साथ ही सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, समाज सेवकों एवं व्यक्तिगत प्रयास भी महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि हम जहां भी हैं, हमारे जो भी कर्तव्य व दायित्व हैं, उनका पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करें। राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें और उनका पालन करें। हमारे यही प्रयास उत्तराखण्ड के विकास में और तेजी ला सकते हैं।

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