नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने परमाणु, अणु की खोज को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि परमाणु और अणु की खोज चरक ऋषि ने की थी। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि अगर भविष्य में चलता फिरता कंप्यूटर आप देखेंगे तो यह संस्कृत के कारण ही संभव होगा। नासा ऐसा इसलिए कह रहा है क्योंकि यह एक वैज्ञानिक भाषा है जिसमें शब्दों को ठीक उसी तरह लिखा जाता है जिसत से वे बोले जाते हैं।
दरअसल, आईआईटी बॉम्बे के 57 वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए पोखरियाल ने ये बात कही थी। उन्होंने आगे कहा कि परमाणुओं और अणुओं पर शोध किसने किया? जिसने परमाणुओं और अणुओं पर शोध किया, उसकी खोज चरक ऋषि ने की थी।
निशंक ने कहा कि नासा की तरफ से एक बयान आया है कि वो आने वाले समय अगर बातचीत करने वाले कंप्यूटर का विकास हुआ तो वो सिर्फ संस्कृत भाषा की वजह से संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि नासा ने ये ऐसी ही नहीं कह दिया है इसके पीछे नासा की ठोस वजह है कि संस्कृत भाषा एक वैज्ञानिक भाषा है। जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में 22 जुलाई को संसद में बताया गया था कि भारत में अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) पर खर्च पिछले एक दशक में जीडीपी का 0.7 फीसदी रहा है।